सुभारती विश्वविद्यालय में ‘‘प्रार्थना एवं संकल्प दिवस‘‘ के रूप में मनाया गया 15 अगस्त

देश को अखंण्ड बनाना सुभारती का संकल्प - डा. अतुल कृष्ण

महापुरूषों के बलिदान से देश को मिली आज़ादी - कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के.थपलियाल



मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की विचारधारा है कि 15 अगस्त के दिन ध्वज फहराना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है, परन्तु इस दिन को हर्षोल्लास के साथ न मनाकर हमें इसे प्रार्थना एवं संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए। विभाजन की त्रासदी में शहीद हुए लाखों बेगुनाहों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हुए भारत को पुनः अखण्ड भारत बनाने का संकल्प लेना चाहिए।



‘‘प्रार्थना एवं संकल्प दिवस‘‘ पर स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के. थपलियाल ने सुभारती अस्पताल के चिकित्सा उपाधीक्षक डा. कृष्णा मूर्ति के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया। इस दौरान सामूहिक राष्ट्रगान व आज़ाद हिन्द गान हुआ।



कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के.थपलियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत को आज़ादी देश के महापुरूषों के बलिदान से प्राप्त हुई है। उन्होंने अखण्ड भारत को प्राप्त करने का सभी को संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के दिन विभाजन के समय हुई त्रासदी की पीड़ा को सहन करने के भाव के साथ अखण्ड भारत की स्वतन्त्रता पर बलिदान हुए लाखों वीरों को श्रृद्धा सुमन अर्पित करके भारत की पुर्नस्थापना हेतु प्रार्थना एवं संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारत को सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।



सुभारती ग्रुप के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 15 अगस्त का दिन हमारे लिये उल्लास का दिन नही है क्योंकि आज के दिन अखण्ड भारत का विभाजन हुआ था। उन्होंने कहा कि हम ध्वजारोहण करके अपने वीर शहीदों के बलिदानों को नमन करते हैं। इस दिन को ‘प्रार्थना एवं संकल्प दिवस‘ के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन देश की एकता, अखंडता एवं सार्वभौमिकता का संकल्प लेना चाहिए एवं धर्म, जाति, भाषा व क्षेत्र पर आधारित विभाजनकारी नीति को अपने जीवन में कोई स्थान नही देना चाहिए। उन्होंने भारत को स्वतंत्रता प्राप्त कराने में नेताजी सुभाष चन्द्रबोस व आज़ाद हिन्द फौज की मुख्य भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सभी को इतिहास की सच्चाई से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारत को आज़ादी असल मायनों में 21 अक्टूबर 1943 को मिली थी जिसमें नेताजी सुभाष चन्द्रबोस ने अखण्ड भारत की घोषणा की थी। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि आज के दिन सशक्त होकर यह संकल्प लें कि देश को आज़ाद कराने में शहीद होने वाले महापुरूषों व वीर जवानों को नमन करते हुए भारत को अखण्ड बनाने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही अपने सभी महापुरूषों के आदर्शो को जीवन में आत्मसात करते हुए मॉ भारती का नाम विश्व पटल पर रोशन करेंगे।  



कार्यक्रम में फाईन आर्ट कॉलिज के विद्यार्थियां द्वारा देशभक्ति से परिपूर्ण गीत व सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। आज़ाद हिन्द गान से कार्यक्रम का समापन हुआ।मंच का कुशल संचालन संस्कृति विभाग के निदेशक डा. विवेक कुमार ने किया।धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक इंजीनियरिंग कॉलिज के प्राचार्य डा. मनोज कपिल ने किया



इस अवसर पर प्रतिकुलपति डा. अभय शंकरगौड़ा, कुलसचिव डी.के. सक्सैना, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद जफर हुसैन, परीक्षा नियंत्रक पूनम कौशिक सहित विश्वविद्यालय के सभी कॉलिज एवं विभागों के प्राचार्य, डीन एवं फैकल्टी मेंबर सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।



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