सिंगल यूज प्लास्टिक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित

 यूपी में सख्ती, कंट्रोल रूम बनाकर होगी निगरानी

लखनऊ।देश भर में आज शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। सरकार ने इसका प्रयोग सख्ती से कराने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने इनका प्रयोग रोकने के के साथ उत्पादन, वितरण, निर्माण और बिक्री रोकने की कवायद तेज कर दी है। इसका प्रयोग करने वालों के खिलाफ सरकार ने जुर्माना के साथ सजा का भी प्रावधान किया है।
केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले बीते वर्ष 12 अगस्त को एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, बिक्री, स्टाक व इस्तेमाल को बंद करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद अब राज्य सरकारों ने भी सख्ती कर दी है। देश में बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण की रक्षा के लिए सरकार ने 19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक में डिस्पोजल गिलास, कप, पतली पालीथिन बैग सहित प्लास्टिक से बनी अन्य चीजें हैं। इन उत्पादों का एक बार उपयोग किया जाता है। जिन सिंगल यूज्ड चीजों पर बैन लगाया है उनमें स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारे, झंडे, कैंडी, आइसक्रीम स्टिक, चाय-काफी हिलाने वाली स्टिरर, सजावटी पालीस्टाइरिन, प्लेट, कप, गिलास, कटलरी, छुरी कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा , ट्रे, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट रैप, पैक करने वाली फिल्म समेत 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर शामिल हैं। इनकी बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूरी तरह पाबंदी होगी। पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
बंद होंगी प्रतिबंध के बाद भी उत्पादन करने वाली कंपनियां
राज्य सरकार की तरफ से रेलवे, नगर निगमों, स्कूल-कालेजों, दफ्तरों तथा अन्य प्रतिष्ठानों को सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग ना करने के निर्देश हैं। राज्य सरकार की तरफ से सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग करने और स्टाक रखने वालों को भी इन उत्पादों के कारोबार से दूर रहने को कहा गया है। इसका उल्लंघन करने वाली कंपनियों को जुलाई के पहले सप्ताह में चलाए जाने वाले अभियान में बंद कर दिया जाएगा। इसके लिए जुर्माने की बड़ी रकम वसूली जाएगी। राज्य सरकार ने अपील की है कि सभी लोग इस मुहिम के सहभागी बने और प्लास्टिक के प्रयोग को स्वयं अपने घरों एवं व्यक्तिगत जीवन से दूर करें।
जुर्माना के साथ ही जेल तक की सजा
 सिंगल यूज प्लास्टिक के मामले में प्रतिबंध तोडऩे वालों के विरुद्ध राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण कानून की धारा 15 और संबंधित नगर निगमों के बायलाज के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें जेल की सजा के साथ हर्जाना भी भरना पड़ सकता है। प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित कर जांच टीमें गठित की गई हैैं जो सिंगल यूज आइटम के निर्माण, वितरण, स्टाक व बिक्री पर नजर रखेंगे। राज्य की सीमा पर निगरानी के लिए चेक प्वाइंट बनाया जा रहा है। इसके साथ ही केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में एक एप शुरू किया है जिसके जरिये लोग शिकायत कर सकेंगे।

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