पुरी में धूमधाम से शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

 दो साल बाद बडदांड में भक्त और भगवान का मिलन
भुवनेश्वर (एजेंसी)।
कोरोनाकाल में दो वर्ष तक बिना भक्तों के रथयात्रा संपन्न होने के बाद इस बार भक्त और भगवान का पुरी के बडदांड में मिलन हो रहा है। पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा शुक्रवार को शुरू हो गई। भगवान के रथ की एक झलक पाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु बडदांड पहुंच रहे हैं ।
सबसे पहले चक्रधारी सुदर्शन, माता सुभद्रा को देवदलन रथ पर स्थापित करने के बाद भगवान बलभद्र को तालध्वज रथ पर रथारूढ़ किया गया । बड़े भाई और बहन के रथारूढ़ होने के बाद जगत के नाथ जगन्नाथ भी अपने रथ नंदिघोष पर रथारूढ़ हुए । तीनों भगवान को पहंडी नीति के अनुसार उनके रथों पर रथारूढ़ किया गया । शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रथों पर भगवान के दर्शन किए। श्रीजगन्नाथजी के आद्य सेवक पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देव छेरा पहंरा नीति का संपादित कर रहे हैं ।
जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ भगवान श्रीकृष्ण रूप में विराजमान हैं। हर साल आषाढ़ माह में अमावस्या के बाद उनकी रथयात्रा निकाली जाती है। यहां भगवान जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा भी विराजमान हैं। तीनों की ये मूर्तियां काष्ठ यानी लकड़ी की बनी हुई हैं। इन मूर्तियों की पूजा नहीं होती। ये केवल श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखी गई हैं। मान्यता है कि ये मूर्तियां रूप बदलती रहती हैं। जगन्नाथ रथयात्रा का समापन 12 जुलाई को होगा।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts