ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग वाली याचिका खारिज 

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में साक्ष्यों और शिवलिंग को क्षति पहुंचाने के आरोप वाली विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका को जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली याचिका स्पेशल सीजेएम की अदालत में खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने जिला जज के यहां निगरानी अर्जी दाखिल कर स्पेशल सीजेएम के आदेश को चुनौती दी थी।इस याचिका पर बीते 23 जून को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज की अदालत ने आदेश को सुरक्षित रख लिया था। याचिका खारिज कर जिला जज ने कहा कि निचली अदालत की ओर से 30 मई 2022 को पारित आदेश में कोई अवैधानिकता व अनियमितता प्रतीत नहीं होती है। वादी पक्ष की ओर से अर्जी के संबंध में कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिसे विपक्षी पर उस आरोप को साबित कर सके। ऐसे में यह अर्जी सुनने योग्य नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।

बताते चले , विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर के मूल स्वरूप की पुताई,अन्य साधनों द्वारा बदलने एवं धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एमएस यासीन एवं अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अपील कर विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था।

अदालत ने 30 मई को प्रार्थना पत्र को यह कहकर खारिज कर दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर प्रकरण को लेकर सिविल वाद जिला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है। इसके बाद वादी पक्ष की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की थी।

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