भाजपा ने फड़नवीस को उपमुख्यमंत्री बनाकर अचरज में डाला

- दोनों घोषणाएं रही चौकानें वाली !

नयी दिल्ली - महाराष्ट्र में तेजी से बदले राजनीतिक परिदृश्य में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिन्दे के राज्य के नये मुख्यमंत्री की शपथ लेने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस का उपमुख्यमंत्री बनना एक चौंकाने वाली घटना रही।

कल शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद भाजपा में मुंबई से लेकर दिल्ली तक बैठकों के तमाम दौर के बाद लोगों को दोनों फैसलों ने चाैंका दिया। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिन्दे को मुख्यमंत्री बनाये जाने की किसी को उम्मीद नहीं थी और एक बार पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे चुके श्री फड़नवीस को उपमुख्यमंत्री बनाने के फैसले ने दूसरी बार आश्चर्य में डाल दिया।

गुवाहाटी से लौटे शिवसेना बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिन्दे के साथ  फड़नवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के तुरंत बाद करीब चार बजे संवाददाता सम्मेलन में श्री शिन्दे को मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा की और स्वयं ही अपने मुख्यमंत्री बनने की अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया।

उन्होंने कहा,“हम सभी जानते हैं कि 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन था और भाजपा ने 105 सीटें जीती थी। शिवसेना ने 56 सीटों पर विजय हासिल की थी। इन कुल 161 सीटों के साथ ही कुछ निर्दलीय भी हमारे साथ थे जिनका गठबंधन को समर्थन था।” उन्होंने कहा, “भाजपा और शिवसेना के सरकार बनाने की संभावना थी। उस समय प्रधानमंत्री ने सभी के समक्ष घोषणा की थी कि भाजपा नेता महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा लेकिन दुर्भाग्य है कि नतीजों के बाद हमारी गठबंधन सहयोगी शिवसेना, खासकर शिवसेना प्रमुख ने एक अलग ही निर्णय लिया। उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन किया जो हिन्दुत्व और सावरकर की विचाराधारा का विरोध करते थे। यह जनादेश का अपमान था। जनता ने उस समय महा विकास अघाडी के लिए मतदान नहीं किया था। जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को वोट दिया था।”

उन्होंने कहा कि जनादेश का पूरी तरह से निरादर किया गया और महा विकास अघाडी सत्ता में आ गया। दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे गठबंधन के दो दलों (राकांपा और कांग्रेस) के धुर विरोधी थे।” श्री फडनवीस ने कहा, “यह विचारधारा और सिद्धांतों की लड़ाई है। यह हिन्दुत्व की लड़ाई है। अत: भाजपा शिंदे का समर्थन करती है और वह मुख्यमंत्री बनेंगे।

चूंकि उस समय तस्वीर आधी ही साफ हुई थी इसलिए श्री फड़नवीस ने यह भी कहा कि श्री शिन्दे मुख्यमंत्री के पद पर आज अकेले शपथ ग्रहण करेंगे और बाद में हम लोग मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की नयी सरकार एक स्थिर सरकार होगी।

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