भारत के गांधी के उपनाम से प्रसिद्घ स्वतंत्रता सेनानी एवं गांधीवादी असोडा रियासत वशंजों को मिला सम्मान 

 मेरठ। भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में अपना सर्वस्त्र न्यौछार कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को चौधरी चरण सिंह विवि ने सम्मानित किया। इस दौरान एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सम्मानित होने वालों ने बताया कि किस प्रकार से देश की आजादी के लिये संघर्ष किया। 

कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला एवं प्रति कुलपति प्रोफेसर वाई. विमला के मार्गदर्शन में भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में आयोजित कार्यक्रम साहित्यिक  सांस्कृतिक परिषद एवं इतिहास विभाग द्वारा आयोजित किया गया। साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के समन्वयक एवं इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विघ्नेश कुमार के नेतृत्व में डॉ योगेश कुमार, डॉ कुलदीप कुमार, दीपक कुमार आदि ने उत्तर भारत के गांधी के उपनाम से प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं गांधीवादी असोडा रियासत के तत्कालीन राजा चौधरी रघुवीर सिंह के वंशजों को असोडा, हापुड़ जाकर विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया। स्वतंत्रा सेनानियों के  इन वंशजों में मुख्य रूप से चौधरी रणबीर नारायण सिंह, के पोते चौधरी चौधरी अजय वंश नारायण विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग  में पधारे। सगोष्ठी की अध्यक्षता प्रोफेसर विघ्नेश कुमार ने की। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ कुलदीप कुमार ने 1857 से लेकर भारत की आजादी तक हुए स्वतंत्रता संघर्ष में असोला राजवंश परिवार के अद्वितीय एवं अति महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि उस समय राजा की पदवी होने के बाद भी अपने संपूर्ण एशोआराम और सुविधाओं को त्याग कर किस प्रकार इस परिवार ने न केवल आजादी के संघर्ष में बल्कि सामाजिक सरोकारों दुर्बल असहाय वंचितों एवं निर्धन लोगों की  और दलित विद्यार्थियों की निशुल्क शिक्षा दिलाने की दिशा में भरसक प्रयास किये।  इतिहासकार प्रो विघ्नेश कुमार ने चौधरी रघुवीर नारायण सिंह के जीवन से जुड़ी देश व समाज हित की घटनाओं का उल्लेख किया। प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि आज का संपूर्ण गांधी आश्रम जमीन और भवन सहित एवं कुमार आश्रम महान स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रघुवीर नारायण सिंह की ही देन है। इस अवसर पर इतिहास विभाग में स्वतंत्रता सेनानी  के इन वंशजों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर योगेश कुमार ने किया।

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