ओरिजिन ऑफ़ लाइफ एवं फंक्शनिंग ऑफ़ लाइफ  मैटेरियल साइंस से ही संभव 

शोभित विवि में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का  शुभारंभ

मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय में एडवांस इन मैकेनिकल और सिस्टम इंजीनियरिंग विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का भव्य शुभारंभ  गुरूवार को किया  गया।  
 कॉन्फ्रेंस के संयोजक डॉ तरुण कुमार शर्मा ने कॉन्फ्रेंस के बारे में बताया तत्पश्चात विवि के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ जयानंद ने बायोमेडिकल के क्षेत्र में मेडिकल साइंस की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अपने स्वागत संबोधन में बोलते हुए विवि के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर ए पी गर्ग ने बताया कि आज के समय में सभी जगह  मेटेरियल साइंस की एक उपयोगिता है।ओरिजिन ऑफ़ लाइफ एवं फंक्शनिंग ऑफ़ लाइफ  मैटेरियल साइंस से ही संभव है
ं विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित प्रोफेसर मांगलिक विभागाध्यक्ष आईआईटी रुड़की ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अधिक से अधिक किफायती एवं सस्टेनेबल मेटेरियल बनाने की आवश्यकता है। हमें समाज के लिए कुछ ऐसा करना होगा जिससे उनको फायदा हो उन्होंने अपने वक्तव्य में बायोमैटेरियल पर भी विशेष ध्यान दिया। प्रोफेसर पी वेंकट सुरेश ने कहा कि जो अनुसंधान एवं कार्य शोभित विवि में किए जा रहे हैं वह भारत की बड़ी.बड़ी शिक्षण संस्थाओं में भी नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि हमें समस्याओं से डरना नहीं है बल्कि उनका सॉल्यूशन ढूंढना है अगर हम केवल सोचते रहेंगे और कुछ करेंगे नहीं तो हम अपने समाज को कुछ  दे भी नहीं पाएंगे उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर छात्र अपने घर से ही पेपर पर अपनी एल्गोरिथ्म लिख कर लाएंगे और बाद में जाकर लैब में उसको इंप्लीमेंट करेंगे तो निश्चित रूप से उनका समय भी बचेगा और उसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त होगी।  इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह  के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर रंजीत सिंह  ने कॉन्फ्रेंस के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
 मुख्य अतिथि  कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि  ज्ञान का निर्माण  क्लास में, लैब में, पुस्तकालयों में होता है लेकिन ज्ञान का प्रसार  कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप, सेमिनार कॉन्क्लेव आदि में होता है। जहां पर अलग.अलग क्षेत्रों से आए लोग अपने विचार साझा करते हैं। अंत में उन्होंने कहा कि ज्ञान के निर्माण एवं प्रसार के साथ.साथ ज्ञान का अनुप्रयोग होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें ज्ञान के अनुप्रयोग पर कार्य करने की आवश्यकता है। कॉन्फ्रेंस में विशिष्ट अतिथि के रुप में श्री  ऋषिकेश कर पठानकर  ऑनलाइन के माध्यम से उन्होंने अपने विचार साझा किए।   अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस को  टेक्निकल  सपोर्ट में डॉक्टर बी आर अंबेडकर एनआईटी जालंधर साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग मैनेजमेंट रिसर्च सोसायटी का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में  विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं छात्रों का विशेष सहयोग रहा।

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