हमें एकाग्र मन से अरिहंत प्रभु की भक्ति करनी चाहिए


सरधना (मेरठ) परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसुनंदी महाराज के परम शिष्य क्षुल्लक विशंक सागर जी महाराज व भरत सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री सौरभ सागर सभागार मे  श्री भक्तांबर महाअर्चना एवं जिन सहस्त्रनाम  48 दिवसीय विधान के दूसरे दिन श्री जी का अभिषेक शांतिधारा नित्य नियम पूजा तत्पश्चात आज के विधान के पुण्यअर्जक प्रदीप जैन वैभव जैन व नवीन जैन ललित जैन परिवार द्वारा मांडले पर अर्घ चढ़ाए गए। इससे पूर्व दीप प्रज्वलन पवन जैन प्रवेश जैन वह शास्त्र भेट  राजीव जैन मंत्री वर्षा योग समिति ने किया। ।क्षुल्लक श्री 105 विशंक सागर जी  महाराज ने कहा हम सभी को एकाग्र मन से प्रभु की भक्ति में तल्लीन रहना होगा तथा यह जिन सहस्त्रनाम महाअर्चना हमारे जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर संसार के बंधनों काटने वाली है तथा यह अर्चना हमारे मन व आचरण को पवित्र बनाती है इसलिए हमें एकाग्र मन से और अरिहंत प्रभु की भक्ति करनी चाहिए  इस अवसर पर पंकज जैन राजकुमार जैन राकेश जैन राजीव जैन सौरभ जैन दीपक जैन शास्त्री आदेश जैन सुधांशु जैन प्रदीप जैन आकाश जैन ऋषभ जैन विनोद जैन आदि उपस्थित रहे।


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