चिकित्सकों को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की नई गाइडलाइन की जानकारी दी


 एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन की ओर से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए वर्कशॉप का आयोजन

 मेरठ। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीसीपी) की नई गाइडलाइन को लेकर इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन(आईएपी)की ओर से सोमवार को एक वर्कशॉप का आयोजन गढ़ रोड स्थित एक होटल में किया गया। वर्कशॉप में एनटीईपी की नई गाइडलाइन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी।



 वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन, आईएपी के अध्यक्ष डॉ. राजीव प्रकाश, पूर्व सचिव डॉ. तरुण गोयल ने संयुक्त रूप से किया।दिल्ली से आयी क्षय रोग विशेषज्ञ डा. संगीता शर्मा ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया-नई गाइडलाइन के तहत एलपीए, ईग्रा,यूडीएसटी से शुरुआत करनी चाहिए, जिससे रिफार्मसिन दवा रजिस्टेंस से ग्रसित तो नहीं है। अगर ऐसा है तो हम उस व्यक्ति का उपचार जांच के आधार पर कर सकते हैं।
 डा. अजय कुमार जैन ने कहा- नई गाइडलाइन से चिकित्सकों को टीबी मरीज खोजने में काफी जानकारी मिल सकती है। डा. भसवा राजा ने चिकित्सकों को बताया - किस तरह से हम टीबी से ग्रसित मरीजों को खोज कर उनका उपचार कर सकते हैं।
 पीपीएम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम ने बताया निक्षय पोर्टल पर टीबी मरीज की सूचना को कैसे अपलोड किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया-यदि चिकित्सक के पास निक्षय पोर्टल पर मरीज का अपडेशन करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड नहीं है तो वह उनसे सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया प्रत्येक टीबी मरीज का एचआईवी व शुगर का टेस्ट कराना अनिवार्य है।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया - टीबी एक नोटिफाइबल डिजीज है, जिसका नोटिफिकेशन करना अति आवश्यक है। उन्होंने वर्कशॉप में आए प्राइवेट बाल रोग विशेषज्ञों से अपील की कि अगर उनके पास इस तरह का कोई मरीज आता है तो तत्काल उसकी सूचना विभाग के साथ पोर्टल पर अपलोड करें।
 जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गुलशन राय ने बताया -टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। समय पर उपचार मिलने पर उसे समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने वर्कशॉप में आये बाल रोग विशेषज्ञों से कहा वर्ष 2025 तक देश से टीबी को मुक्त कराने में सहयोग करें और प्राइवेट चिकित्सकों को दिए गए लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करें। प्रोजेक्ट के माध्यम से विशेषज्ञों ने टीबी से कैसे मुक्ति पायी जा सकती है, इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ. डीके शर्मा, डा. मीरा जैन, डा. विनीत सक्सेना, शिशिर जैन,डॉ अमित जैन, डा. पीपीएस चौहान, डा आशु गुप्ता भसीन, डॉ. अंजुम , डा अखलाक, डॉ. एमडी शर्मा,डा. जेएस मलिक, डा.जेसी खोंखर, डॉ. पीपी सिहं,डॉ. आशीष बिंदल, टीबी विभाग से पीपीएम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम, सीबीएसवी सतेन्द्र और मौ. नदीम मौजूद रहे।

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