जनपद में 28 को होगा कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन

19 साल तक के बच्चों और किशोरों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने की दवा

एक से तीन अगस्त तक चलेगा मॉप अप राउंड, छूटे बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल



मेरठ, 19 जुलाई 2022। कांवड़ यात्रा के चलते जनपद में कृमि मुक्ति कार्यक्रम 20 जुलाई के बजाए 28 जुलाई को होगा। कृमि मुक्ति कार्यक्रमके तहत 28 जुलाई को एक से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। बच्चों को यह स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खिलायी जाएगी। बच्चों को दवा कैसे और कितनी दी जाएगी। इसका जिला स्तर पर प्रशिक्षण दियाजा चुका है, जिसमें जनपद के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी),  ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम), हेल्थ एजुकेशन अफसर (एचईओ), स्टॉफ नर्स, एबीएसए और सीडीपीओ शामिल रहे। गुरूवार को ब्लाक स्तर पर शिक्षकों, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने बताया शासन के निर्देश पर नेशनल डीवार्मिंग प्रोग्राम20 जुलाई को होना था, लेकिन कांवड़ यात्रा के चलते जिले में यह कार्यक्रम एक सप्ताह आगे कर दिया गया है। अब यह 28 जुलाई को होगा। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाता है।
डा अखिलेश मोहन ने बताया- जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण में बताया गया कि किस प्रकार से एल्बेंडाजोल गोली बच्चों की खिलायी जानी है। एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली चूरा कर, दो से तीन साल के बच्चों को पूरी गोली चूराकरके, तीन से 19 साल तक के बच्चों को पूरी गोली चबाकर खानी है। उन्होंने बताया एक साल में दो बार एक से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को एक निर्धारित तिथि पर पेट से कीड़े निकालने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है। गोली खाने से छूट गए बच्चों के लिए एक से तीन अगस्त तक तीन दिन का मोपअप राउंड भी चलाया जाएगा, ताकि हर बच्चे को यह गोली खिलाई जा सके। गोली खाली पेट नहीं खिलानी चाहिए। इसके अलावा यदि कोई बच्चा बीमार है तो उसे भी यह गोली नहीं देनी है।
सीएमओ ने बताया स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनबाड़ी- आशा कार्यकर्ता यह गोली खुद अपने सामने खिलाएंगी, अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग और समेकित बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। संबंधित विभागों को अभियान शुरू करने से पहले प्रशिक्षण दिया गया।
छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए उन्हें गोली पीसकर खिलाई जाती है। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद यह गोली दी जाए, क्योंकि खाली पेट गोली खाने की मनाही है। यह गोली किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन फिर भी प्रशिक्षित की निगरानी में ही बच्चों को गोली खिलाई जाती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनडीडी के नोडल अधिकारी डॉ. एसपी सिंह, एडीडी के कोऑर्डिनेटर सैयद अरशद,नोडल अधिकारी एनएचएम जावेद हुसैन,डीसीपीएम हरपाल सिंह आदि मौजूद रहे। 

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