समेकित कृषि प्रणाली में ही देश की खाद्य, पोषण एवं आजीविका सुरक्षा का हल छुपा 

मेरठ।  चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैपस के प्लान्ट प्रोटेक्शन विभाग में शुक्रवार को  एक विशिष्ठ व्याख्यान हुआ जिसका विषय सतत कृषि में एकीकृत कीट प्रबंधन की भूमिका रहा। 

मुख्य वक्ता डा आदेश कुमार कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र झांसी बांदा कृषि विश्वविद्यालय बांदा रहे। डा. आदेश कुमार ने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली में ही देश की खाद्य, पोषण एवं आजीविका सुरक्षा का हल छुपा हुआ हैं। किसान समेकित कृषि प्रणाली को अपनाकर अपनी लागत को कम एवं आमदनी को बढ़ा सकते है। रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का कम से कम उपयोग किया जाये व जैविक कीटनाशकों का अधिक उपयोग को बढ़ावा दिया जायें। वक्ता ने भूमि की उर्वरकता, गुणवत्ता बड़ाने हेतु केंचुआ खाद व हरी खाद का उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे मिट्टी की उर्वरकता व वर्षा जल संचय की क्षमता को बढ़ाया जा सके। डा. आदेश कुमार ने विभाग के छात्रों को मूख्य फसलों में लगाने वाले कीट एवं बीमारियों के रोकथाम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया तथा कीट एवं बीमारियों के रोकथाम हेतु जैव उत्पादकों-जैव किटनाशकों कि उपयोग विधि से अवगत कराया। विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। व्याख्यान में डा. अजय कुमार, डा. पंकज चौहान, डा. अंकित काजला, अदिबा गालिब व कृषि संकाय के सभी छात्र उपस्थित रहे।

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