मेडिकल कालेज  में तीन लडकिंयों  का लिंग पूनरनिर्धारण की सफलतापूर्वक सर्जरी 

 वेस्ट यूपी में अपनी तरह की पहली सर्जरी से चिकित्सकों के खिले चेहरे 

 मेरठ। मेरठ का लाला लाजपत राय मेडिकल कॅालेज लगातार नयी उपलब्धियां हासिल कर रहा है। कालेज के प्लास्टिक सर्जरी व सर्जरी विभाग ने तीन लडकियों  का लिंग पूनरनिर्धारण   सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह अपने आप में  वेस्ट यूपी के लिये बहुत बडी उपलब्धि है। इस प्रकार की मेरठ में पहली बार सर्जरी की गयी है। इससे अब लिंग पूर्णनिर्धारण के लिये लोगों  को अन्य राज्यों व विदेशों के चक्कर नहीं काटने होंगे। 



 मेडिकल  कॉलेज के सम्मलेन कक्ष में  मीडिया को जानकारी देते हुए प्राचार्य डा आर सी गुप्ता,सर्जन डा सुनील राठी,डा कनिका ,डा भानू प्रताप सिंह ,ने बताया कि लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कालेज मेरठ प्लास्टिक सर्जरी एवं सर्जरी विभाग ने सोनिका, अमानिया एवं शहजादी बदला हुआ नाम नामक तीन लड़कियों का लिंग पूनर्निर्धारण सर्जरी सफलता पूर्वककी है। इस तरह की सर्जरी चुनौतीपूर्ण होती है जिसको  सफलता पूर्वक किया गया। करीब तीन माह पहले सोनी, अनामिका, शहाना बदला हुआ नाम ने ग्रन्थि रोग विभाग में परामर्श लिया। प्लास्टिक सर्जरी एवं सर्जरी विभाग में परामर्श किया गया। मरीज के जननंाग विकसित नहीं थे जिस कारण उसे पता नहीं था वो लड़का है या लड़की। मरीज की जेनेटिक एनालिसिस पर पता चला की तीनों के क्रोमोजोन गल लड़कों के हैं। मरीजों के जननांग पूरी तरह से विकसित नहीं थे जिस कारण उन्हें यह पता नही था कि वह लड़का हैं या लड़की।  मरीज को लड़का एवं लड़की दोनो रूप से बदला जा सकता था। परन्तु मरीज सोनी और शहाना ने लड़की बनना तथा अनामीका ने लड़का बनना स्वीकार किया। यह भी बताते चले की लड़का से लड़की बनाना एक असान प्रक्रिया हैं परन्तु लड़की से लड़का बनाना  कठिन है और सफल आपरेशन के बाद भी मूत्र नली में, भविष्य में सिकुड़ने का खतरा बना रहता हैं। अनामीका के लिंग के निर्माण के लिये उसके बाये हाथ के मांस को  खून की नसों सहित जोड़ कर मरीज का लिंग निर्माण किया गया। सर्जरी में करीब आठ घंटें का समय लगा। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है तथा उसे डिस्चार्ज किया जा रहा हैं। 

यद्यपि शहाना और सोनी के योनी के निर्माण के लिये बड़ी ऑत का टुकड़ा लिया गया जिससे सफलता पूर्वक योनी का निर्माण किया गया । लड़का को लड़की या लड़की को लड़का सर्जरी कर बनाया जा सकता है। वह सामान्य जीवन एवं वैवाहिक जीवन व्यतीत कर सकते है परन्तु सन्तान उत्पत्ती नहीं कर सकते हैं ।प्रेस वार्ता में प्रधानाचार्य डा. आर.सी. गुप्ता, सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुधीर राठी प्लास्टिक विभाग के डा. भानू प्रताप, एवं डा0 कनिका, ग्रन्थि रोग विभाग के डा. अविनाश, मेडिकल कालेज के मिडिया प्रभारी डा. वी.डी.पांण्डे आदि उपस्थित रहें।



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