आयुष चिकित्सक भी रेफर कर सकेंगे टीबी मरीज
- निकटतम जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र पर देनी होगी सूचना
मुजफ्फरनगर, 15 जून 2022। देश से वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से समाप्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके तहत अब प्राइवेट आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक चिकित्सक टीबी के लक्षण वाले मरीजों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल जाँच के लिए रेफर कर सकेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें नोटिफिकेशन की सूचना देने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये मिलेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार ने बताया -शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार यदि कोई भी प्राइवेट आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सक किसी भी टीबी मरीज का उपचार करता है तो सबसे पहले इसकी सूचना निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा जिला अस्पताल में देनी अनिवार्य होगी। उनके क्लीनिक पर कोई भी संभावित मरीज जिसे दो हफ्ते से लगातार खांसी आ रही हो ,बुखार आता हो, पसीना लगातार आता हो, बलगम में खून आता हो या लगातार वजन घटने के लक्षण दिखाई दें तो ऐसे व्यक्ति को तत्काल जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर जांच के लिये रेफर किया जाए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया सभी प्राइवेट होम्योपैथिक ,आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों की सूची तैयारी की जा रही है। निजी क्षेत्र के आयुर्वेदिक,होम्योपैथिक,यूनानी चिकित्सक को टीबी मरीजों की सूचना भी निक्षय पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
क्षय रोग विभाग की जिला समन्वयक सहबान उल हक ने बताया- अगर किसी भी प्राइवेट एमबीबीएस चिकित्सक के यहां पर किसी मरीज में क्षय रोग की पुष्टि होती है और वह उस मरीज को क्षय रोग विभाग में पंजीकृत कराता है तो उस चिकित्सक को 500 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिये जायेंगे।
जिला पीपीएम कॉर्डिनेटर प्रवीन कुमार ने बताया कि इस वर्ष 3291 टी बी के मरीज चिन्हित किये जा चुके हैं।
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