सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के छात्र एवं छात्राएं अब खाद एवं पेय पदार्थ के जनित रोग एवं उनकी रोकथाम व संरक्षण का करेंगे अध्ययन


Meerut-
आज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में संचालित परास्नातक कोर्स माइक्रोबायोलॉजी की बोर्ड ऑफ स्टडी की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई जिसमें जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ शामिल हुए। विभागा अध्यक्ष प्रोफेसर वाई विमला जी के अनुसार

सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में छात्र एवं छात्राएं अब विभिन्न प्रकार के विषय जिनमें खाद एवं पेय पदार्थों जनित रोग एवं उनकी रोकथाम खाद्य एवं पेय पदार्थों का संरक्षण संबंधित विषयों के अतिरिक्त क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एपीडी मायलॉजी नेचुरल रिसोर्सेज कंजर्वेशन हेल्थ एंड हाइजीन आदि का अध्ययन कर सकेंगे। प्रोफेसर वाई विमला ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्योंकि पीजी में भी लागू की जा रही है इसलिए नए पाठ्यक्रम को अधिक से अधिक रोजगार परक बनाया गया है डॉ अंजलि मलिक  के अनुसार चारों सेमेस्टर में प्रोजेक्ट अनिवार्य रहेगा प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के चार पेपर अनिवार्य रहेंगे जबकि अन्य पेपरों में छात्रों को इलेक्टिव कोर्स के चयन का विकल्प मिलेगा सोमवार को हुई इस बैठक में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी में 30 से 40 फीस दी कोर्स में बदलाव पर मुहर लग गई है। इस बैठक में अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी के   वैल्यू ऐडेड कोर्स पर भी मोहर लग गई है। डॉ लक्ष्मण नागर ने बताया कि इस बदलाव से छात्रों को अनेक रोजगार के अवसर मिलेंगे।बी ओ एस में नए बदलाव जुलाई 2022 सत्र से लागू होंगे ।

बैठक की अध्यक्षता प्रोफेसर प्रो वाइस चांसलर एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वाई विमला जी ने की। बी ओ एस के अन्य सदस्यों में डॉक्टर दीपक शर्मा शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी लखनऊ, नीरज कुमार कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, डॉक्टर कविता राजकीय कॉलेज नोएडा , डॉ शालिनी शर्मा एमआईटी कॉलेज मेरठ,रहे।

 इस बैठक में विभाग के अन्य अध्यापक गण डॉ प्रीति, डॉक्टर दिनेश कुमार शर्मा ,डॉक्टर दिनेश पवार डॉ पायल ,डॉ कपिल स्वामी  डॉक्टर देवेंद्र कुमार, डॉक्टर अश्वनी शर्मा डॉ कपिल स्वामी डॉ अजय शुक्ला जी डॉक्टर दिलशाद,मौजूद  रहे।

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