बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए बेहद कारगर व सुरक्षित है अन्तरा : डा. दिव्या

त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन है अन्तरा परिवार में खुशहाली के साथ शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने में अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की अहम भूमिका

 


मुजफ्फरनगर, 30 जून 2022। परिवार में खुशहाली लाने के साथ ही तमाम तरह की शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने में नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की अहम भूमिका है। यही नहीं नए गर्भनिरोधक साधनों में महिलाओं की पहली पसंद बना त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अन्तरा जहां बच्चों के जन्म में अंतर रखने में बेहद कारगर व सुरक्षित है वहीं गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से भी रक्षा करता है। यह कहना है परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा का।

डॉ. दिव्या का कहना है कि बार-बार गर्भपात, अस्पताल के चक्कर लगाने, कमजोर होती सेहत जैसी दिक्कतों से निजात पाने और परिवार में खुशहाली  लाने के लिए परिवार नियोजन के नए साधन अपनाने में ही सही समझदारी है। इसके लिए वर्तमान में दो नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधन अन्तरा इंजेक्शन व छाया गोली उपलब्ध हैं। दोनों साधन जहां एक ओर दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं वहीं इनके इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव होता है । उन्होंने बताया - छाया गोली के सेवन से माहवारी सामान्य होती है तथा ज्यादा दिनों के अन्तराल पर होती है। इससे रक्तस्राव कम होता है जो एनीमिक महिलाओं के लिए लाभकारी है। अन्तरा में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स होता है जो गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से बचाव में सहायक है ।     

राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार जिले में 15 से 49 वर्ष की 11 प्रतिशत महिलाओं को बच्चे नहीं चाहिए लेकिन जानकारी के अभाव में वह परिवार नियोजन का कोई साधन इस्तेमाल नहीं कर रहीं हैं। ऐसे में अलग-अलग खूबियों वाले परिवार नियोजन के दो नए साधन महिलाओं को स्वेच्छा से ज्यादा गर्भनिरोधक विधियों में से कोई एक विधि चयन करने का अवसर प्रदान करते हैं। परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ दिव्या वर्मा के अनुसार त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अन्तरा  व छाया गोली काफी सुरक्षित व असरदार हैं और महिलाओं को खूब भा भी रही है। यह दोनों साधन जिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया - वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुसार जनपद में 30727 छाया गोली व 7086 अन्तरा इंजेक्शन के डोज़ इस्तेमाल कर लोग परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

छाया बनी सहेली :

डॉ दिव्या ने बताया कि छाया हारमोन रहित एक गर्भनिरोधक गोली है। यह बाज़ार में सहेली के नाम से भी उपलब्ध है। इसके उपयोग का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इसीलिए अन्य गर्भनिरोधक गोलियों की तरह उल्टी होना , वजन बढ़ना, सूजन , अधिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं इसमें नहीं होती। बच्चों में अन्तराल रखने के लिए यह गोली एक बेहतर विकल्प है । उन्होंने बताया - इसे स्तनपान कराने वाली व स्तनपान न कराने वाली सभी महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं । ध्यान रहे छाया गोली की शुरुआत करने से पहले महिला की डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है । 

छाया गोली कब लें -

छाया की पहली गोली की शुरुआत माहवारी के पहले दिन से ही करना चाहिए तथा पहले तीन महीने तक सप्ताह में दो दिन और  तीन माह बाद सप्ताह में सिर्फ एक बार खानी होती है।

कौन कर सकता है उपयोग–

     गर्भवती को छोड़कर 15 से 49 वर्ष की  महिलाएं

     कोई भी महिला जिसे बच्चे हों या न हों

     जिन महिलाओं को माला –एन अथवा माला – डी से दुष्प्रभाव हुआ हो इसे चुन सकती हैं

     यह माँ के दूध की मात्रा या गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं डालता

अन्तरा है बेहद कारगर व सुरक्षित–

अन्तरा प्रत्येक तीन महीने पर इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है, जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली नहीं खा सकतीं वह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं । यह लंबी अवधि तक गर्भधारण से बचाता है तथा दो बच्चों के जन्म में  अंतर रखने में सहायक है। इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है । अन्तरा इंजेक्शन बांह, कमर या कूल्हे में डॉक्टर या प्रशिक्षित नर्स द्वारा लगाया जाता है। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद महिला को उस जगह की मालिश या गरम सेंक नहीं करनी चाहिए । 

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