नारी का सम्मान करें

   
मैं तुम्हें मेरे हाथ दे रही हूँ
तुम मुझे साथ ही दोगे,
नहीं चाहिए मुझे चाँद, सूरज
नहीं चाहिए गुलाब, कमल
तुम्हारे ये प्यार मेरे लिए हमेशा
बना रहे..!



मुझे केवल तुम्हारे जैसे
एक सच्चा दिल वाला प्रेमी चाहिए,
जो की एक नारी के समाने
सम्मान के साथ झुकेगा...!!!

अग़र तुम हमारे प्यार के ख़ातिर
ये कर रहा है तो भी
उसे तुम आदत ही बना लो,
क्यूँ की अग़र दुनिया के किसी भी
नारी को सम्मान देना बहुत अच्छी बात है।

नारी ही उसके जीवन में
हर तरह की भूमिका में आकर
उन्हें एक इंसान के रूप में साकार किया है
एक दिन उनकी जननी बनकर उन्हें दुनिया दिखाई.....
चलना सिखाई तो भगिनी के रूप में
कितना लाड प्यार दी है।

वो नारी ही आगे चलकर
उनके साथ,
सात फेरे लेते हुये उनके
जिंदगी की हर मोड़ पर
दुःख सूख हर वक्त में
साथ रहकर साथ देती हैं।

आख़िर वो ही नारी ही इंसान को
लाड़ प्यार के साथ हंसाकर,
रुला देती है,
एक बैटी बनकर जब
जाती है मायके से
ससुराल जाने के वक्त पर।
मुझे तो यकीन है तुम वैसे ही करोगे
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- जीतलाल कांड
नुआपडा़, ओड़िशा।

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