भारतीय संस्कृति का संगम है सुभारती विश्वविद्यालय - दिलशोद अखतोव, राजदूत उज़्बेकिसतान

सुभारती विश्वविद्यालय एवं उज़्बेकिस्तान के नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट के मध्य हुआ एमओयू

 उज़्बेकिस्तान के प्रतिनिधि मण्डल ने सुभारती विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया। भारतीय संस्कृति के रंग से हुए प्रभावित

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के दौरे पर पहुंचे उज़्बेकिस्तान के माननीय राजदूत श्री दिलशोद अखतोव के नेतृत्व में नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट उज़्बेकिस्तान के प्रतिनिधि मण्डल एवं सुभारती विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू हुआ।

मुख्य अतिथि उज़्बेकिसतान के माननीय राजदूत  दिलशोद अखतोव के नेतृत्व में नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट उज़्बेकिस्तान के प्रतिनिधि मण्डल को सुभारती विश्वविद्यालय आगमन पर कुलपति कार्यालय प्रांगण में विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज, प्रतिकुलपति डा. अभय शंकरगौड़ा, कुलसचिव डी.के.सक्सैना, आईएसजीआर निदेशक राजेन्द्र कुमार शर्मा ने माननीय राजदूत  दिलशोद अखतोव सहित प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों को पौधा देकर उनका स्वागत किया।

कुलपति सभागार में आयोजित समझौता ज्ञापन कार्यक्रम में सुभारती विश्वविद्यालय के कुलसचिव डी.के.सक्सैना ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के सभी कॉलिज एवं विभागों का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, चिकित्सा के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता से कार्य किए जा रहे है।

 मुख्य अतिथि उज़्बेकिस्तान के माननीय राजदूत  दिलशोद अखतोव ने उज़्बेकिस्तान के नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट एवं सुभारती विश्वविद्यालय के मध्य समझौता ज्ञापन होने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत एवं उज़्बेकिस्तान के मध्य सम्बन्धों में मधुरता लाने के साथ शिक्षा, इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, अनुसंधान एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व एक परिवार के रूप में विकसित हो रहा है और भारत देश प्राचीन देश होने के साथ विख्यात सांस्कृतिक इतिहास का देश है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय का परिसर पूरे भारतीय संस्कृति का संगम है और जिस प्रकार भारतीय संस्कृति को विश्वविद्यालय ने प्रोत्साहन देने का कार्य कर रहा है, यह अपने राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव को दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन द्वारा विशेष रूप से दोनो देशों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का ज्ञान वर्धन होगा, जिससे विकास की दिशा में भारत व उज़्बेकिस्तान अग्रसर होंगे। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय में देश के विभिन्न महापुरूषों के नाम पर स्थापित कॉलिज एवं मार्ग की प्रशंसा करते हुए कहा कि उज़्बेकिस्तान की भाषा में संस्कृत, हिन्दी एवं उर्दू के शब्द भी बोले जाते है, जो हमें एकता का संदेश देते है।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा.जी.के.थपलियाल ने बताया कि एमओयू के तहत इंजीनियरिंग एवं कंस्ट्रक्शन की दिशा में विस्तृत कार्य किये जाएंगे। इसके अंतर्गत अनुसंधान, नवाचार, सांस्कृतिक आदान प्रदान, विद्यार्थी व शिक्षक आदान प्रदान के कार्यो को दोनो देशों के संस्थान मिलकर प्रमुखता से करेंगे। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र द्वारा अपने विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन कर रहा है ताकि वह दक्ष बनकर देशहित में अपनी योग्यता से कार्य कर सके। उन्होंने उज़्बेकिस्तान के माननीय राजदूत श्री दिलशोद अखतोव सहित प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए भारत एवं उज़्बेकिस्तान के सम्बन्धों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में साथ मिलकर काम करने का संकल्प दिलाया।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने एमओयू पर हस्ताक्षर होने पर माननीय राजदूत दिलशोद अखतोव एवं नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट उज़्बेकिस्तान के प्रतिनिधि मण्डल को मंगलकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय उज़्बेकिस्तान के साथ शिक्षा के प्रचार प्रसार करने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग का क्षेत्र बहुत विस्तृत है और सुभारती विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित शिक्षा के सभी प्रारूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि एमओयू द्वारा सुभारती विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उज़्बेकिस्तान में प्रयोग हो रही तकनीक एवं वहां की शिक्षा पद्धति का ज्ञान मिलेगा तथा दोनो देशों के विद्यार्थी व शिक्षक आधुनिक युग की शिक्षा एवं ज्ञान से लाभान्वित होंगे।

राजदूत दिलशोद अखतोव एवं नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट के प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया। उन्होंने फाईन आर्ट कॉलिज की आर्ट गैलरी का अवलोकन करते हुए नेचुरोपैथी कॉलिज का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंग देखने पर माननीय राजदूत श्री दिलशोद अखतोव एवं प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्य काफी प्रभावित हुए।

आईएसजीआर निदेशक राजेन्द्र कुमार शर्मा ने उज़्बेकिस्तान के माननीय राजदूत दिलशोद अखतोव एवं प्रतिनिधि मण्डल के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर नमांगन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन इंस्टिट्यूट उज़्बेकिस्तान की ओर से कोरेव पेज़ुलॉक्सन योसुफ़क्सोनविच, इनोयातोव कह्रमोन मुयदिनोविच ,सोलिएव रुस्तम हकीमिजोनिविच, जमालोव बैक्सिडिनक्सुजा इस्मोइलोविच, एर्गशेव इस्लोमजोन लिहोजोन उगली आदि पदाधिकारियों सहित सुभारती विश्वविद्यालय से डा. पिंटू मिश्रा, शम्मी सक्सैना, मीडिया प्रभारी अनम शेरवानी आदि उपस्थित रहे।

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