इलाज बहुत है खुमारी के
इलाज बहुत है खुमारी के...
किस्से उड़ेंगे बात तुम्हारी के
वो रोए नहीं तो करे भी क्या आगे
जो उठा ना पाए खर्चे बीमारी के
लोग दर्द नहीं तमाशा देखते हैं
कोई क्यों समझे हालात फनकारी के
कत्ल करते वक़्त आगे आया बच्चा हिरण का
हाथ कांपे पहली बार शिकारी के
यहाँ गुनाह भी होंगे और चुप रहेंगे लोग
किस्से दफन होते आए हैं किलकारी के
इलाज बहुत है खुमारी के...
किस्से उड़ेंगे बात तुम्हारी के।
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- चेतना बल्हारा
कवयित्री व सिंगर
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