रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती पर बिखरे गीतांजलि के रंग 

- जनसंचार, फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के छात्र-छात्राओं ने गुरुदेव टैगोर की जगत प्रसिद्ध काव्य संग्रह गीतांजलि के पद्यों का सस्वर काव्य पाठ किया

मेरठ। भारत में साहित्य का पहला नोबेल पुरस्कार लाने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर जनसंचार, फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा गुरुदेव टैगोर की जगत प्रसिद्ध काव्य संग्रह गीतांजलि के पद्यों का सस्वर काव्य पाठ किया। इस मौके पर विभाग में गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर से संबंधित प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया जिसमें पत्रकारिता के अलावा गुरुदेव के व्यक्तित्व और गीतांजलि से संबंधित अनेक प्रश्नों को शामिल किया गया।

गुरुदेव की कविताओं के संकलन गीतांजलि के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। छात्रों ने गुरुदेव की कविताओं का हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में भी सुनाया। विभाग के संकायाध्यक्ष डॉ सुभाष चंद्र थलेड़ी भी टैगोर साहित्य के कुछ चुनिंदा अंश को स्वर दिया। कार्यक्रम का संचालन बीजेएमसी की दूसरे वर्ष की छात्रा तनु ने किया। विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ नरेंद्र कुमार मिश्रा ने रविंद्र संगीत और साहित्य की सार्थकता और प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।

इस मौके पर विभाग में गुरुदेव रबींद्र नाथ टैगोर के जीवन और उपलब्धियों पर आधारित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया। इस प्रश्नोत्तरी में पत्रकारिता के अलावा आईआईएमटी विश्वविद्यालय के बाकी विभागों के छात्रों ने भी भारी संख्या में हिस्सा लिया। टैगोर जयंती कार्यक्रम के समन्वयन डॉ विवेक सिंह, प्राध्यापक ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विभोर गौड़, निशांत सागर, सचिन गोस्वामी आदि प्राध्यापकों ने सहयोग किया। 

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