आतंकी शिविरों में युवाओं की भर्ती का मामला

 केरल हाईकोर्ट ने बरकरार रखी 10 की उम्रकैद, तीन बरी
कोच्चि (एजेंसी)।
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध सदस्य तदियंतविडे नसीर समेत 10 आरोपियों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखने का आदेश सुनाया। इन लोगों को यह सजा साल 2013 में एक विशेष एनआईए अदालत ने केरल के युवाओं को भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी कैंप्स में भर्ती करने के मामले में सुनाई थी।
हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखने का आदेश देते हुए कहा, 'ऐसे लोगों से, जिनके दिमाग में ऐसे उग्रवादी विचार हैं, हम केवल इतना ही कह सकते हैं कि अगर आप इतिहास को उठा कर देखेंगे तो पता चलेगा कि दीवार के दूसरी ओर की घास ज्यादा हरी नहीं है।'
न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और सी जयचंद्रन की पीठ ने 13 में से 10 आरोपियों की दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा और बाकी तीन को बरी कर दिया। बरी किए गए तीन लोग एमएच फैसल, उमर फारूक और मोहम्मद नवस हैं। हालांकि, बाकी 10 दोषियों के लिए हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि उनको सुनाई गईं उम्रकैद की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts