रिजेक्शन से निराश होने की जरूरत नहींः दिशा सचदेव
मेरठ। अगर आपको एक्टिंग, डायरेक्शन या फिल्म एंड ड्रामा सरीखे किसी क्रिएटिव फील्ड में जाना है तो प्लान बी नहीं होना चाहिए। जब आप पूरे दिल से एक ही क्षेत्र में खुद को आजमाते हैं तो आखिरकार आपको काम भी मिलता है और लोग आपको पहचानने भी लगते हैं। आईआईएमटी विश्वविद्यालय में हिंदी रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में अभिनेत्री दिशा सचदेव ने ये विचार रखे।आईआईएमटी विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग में हिंदी रंगमंच दिवस के क्रम में रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने अपने विचार रखे। जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन विभाग के सेमिनार हॉल में विशेष व्याख्यान में छात्रों को रंगमंच और एक्टिंग के लिए जरूरी टिप्स भी दिए गए। फिल्म और थिएटर जगत में नाम कमा चुके मेरठ के वरिष्ठ थिएटर कलाकार ओ.डी. राजपूत और अभिनेत्री दिशा सचदेव ने छात्रों को फिल्म और थिएटर जगत में पांव जमाने के लिए पहले दिल में ठान लेने की जरूरत जताई। मेरठ रंगमंच के जरनल सेक्रेटरी और 42 सालों से रंगमंच से जुड़े ओ.डी. राजपूत ने बताया कि जीवन में कुल मिलाकर नौ रस हो सकते हैं। इन्हीं रसों को मंच पर साकार करने को अभिनय कहते हैं। अच्छा कलाकार मंच पर इन सभी रसों को कथानक की जरूरत के आधार पर मंच पर प्रकट करता है।
टेलीविजन और फिल्मों में एक्टिंग के अलावा लाइफ कोच के तौर पर दर्शकों से जुड़े रहने वाली दिशा सचदेवा ने भी छात्रों को अभिनय का ककहरा सिखाया। उन्होंने बताया कि अभिनय जगत में थिएटर एक स्कूल की भूमिका निभाता है तो फिल्में या टीवी सीरियल्स एक कॉलेज सरीखे होते हैं। मगर अभिनय की दुनिया में कदम रखने से पहले दिमाग में ये बिठाना जरूरी होता है कि अब जिंदगी में कुछ भी और नहीं करना है। अगर आपके पास प्लान बी होगा तो आप शायद पूरे दिल से एक्टिंग के लिए एकाग्र नहीं हो पाएंगे। अभिनेत्री दिशा ने बताया कि यदि आपके अंदर टैलेंट है तो आप एक ना एक दिन मुकाम हासिल कर ही लेंगे। मगर इसके लिए पहले एक्टिंग का विधिवत प्रशिक्षण लेना भी जरूरी होता है। करीना कपूर को अपना फेवरेट एक्टर बताते हुए उन्होंने जब वी मेट के गीत के किरदार को अपना सबसे पसंदीदा किरदार बताया।
जनसंचार एवं फिल्म एवं टेलीविजन स्टडीज विभाग के डीन डॉ सुभाष चंद्र थलेड़ी ने दोनों अतिथियों का आभार जताते हुए विभाग में रंगमंच का एक अंक तैयार करने की बात कही। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ नरेंद्र कुमार मिश्रा, विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा, डॉ विवेक सिंह, विभोर गौड़, पृथ्वी सेंगर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सचिन गोस्वामी ने किया।।
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