और डीएम ने खुद किया सेतु का उद्घाटन
राजनीतिक विवाद से बचने को उठाया कदमभदोही (प्रभुनाथ शुक्ला)।
भदोही के विकास में एक और अध्याय जुड़ गया है। मंगलवार को सेतु का उद्घाटन करने के लिए सत्ता का कोई मंत्री या विधायक नहीं आया। किसी विवाद से बचने के लिए जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने कालीन नगरी के बहुप्रतीक्षित गजिया ओवर ब्रिज का उद्घाटन पैदल चलकर कर दिया। आठ साल बाद इस ओवरब्रिज को जनता को समर्पित कर दिया गया।
भदोही शहर में निर्मित इस ओवरब्रिज को लेकर खूब राजनीति होती रही है। समाजवादी पार्टी जहां इस पर अपना दावा ठोक दी रही थीं वही भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी इसको अपनी उपलब्धि बताते रहे हैं। हालांकि ओवरब्रिज का निर्माण समाजवादी पार्टी की सरकार में शुरू हुआ था। विधायक जाहिद बेग ने इसका शुभारंभ कराया था। 2014 में इसकी आधारशिला रखी गई। भाजपा सरकार में तकनीकी मुद्दों को लेकर ब्रिज का निर्माण कुछ सालों के लिए रुका था लेकिन इसके बाद प्रारंभ हो गया। पूर्व विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी पिछले दिनों पुल पर चलकर और उसकी खुदाई करवा गुणवत्ता भी जांची थी। वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग इसे अपनी उपलब्धि बताते रहें।
जिलाप्रशासन गाजिया ओवर ब्रिज के उद्घाटन को लेकर किसी प्रकार की फजीहत नहीं कराना चाहता था। क्योंकि राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। जबकि भदोही के वर्तमान विधायक जाहिद बेग है। लेकिन उद्घाटन सत्र में सत्ता और विपक्ष के किसी भी राजनेता को नहीं बुलाया गया। समझा जा रहा है कि किसी सियासी विवाद से बचने के लिए जिलाधिकारी आर्यका अखौरी बगैर तामझाम के सेतु का उद्घाटन खुद पैदल चल कर किया।
उद्घाटन को लेकर कोई सियासत हलचल नहीं हुई। इस दौरान भदोही पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार भी मौजूद रहे। किसी भी कैबिनेट मंत्री या संबंधित विभाग के मंत्री को नहीं बुलाया गया।
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