वॉकिंग नहीं, रिवर्स वॉकिंग से खुद को रखें चुस्त

जब खुद को फिट रखने के सबसे आसान तरीकों की बात होती है, तो उसमें सबसे पहले वॉकिंग का ही नाम लिया है। यह एक ऐसी फिजिकल एक्टिविटी है, जिसे कोई भी बेहद आसानी से कर सकता है। आमतौर पर, लोग अपने मार्निंग या इवनिंग रूटीन में वॉकिंग को शामिल करते हैं। लेकिन अगर आप इस फिजिकल एक्टिविटी को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए आप रिवर्स वॉकिंग कर सकते हैं। इस तरह वॉकिंग करते हुए आपको आगे नहीं, बल्कि पीछे की तरफ चलना होता है। सुनने में आपको शायद अजीब लगे, लेकिन रिवर्स वॉकिंग के अपने कई बेनिफिट्स हैं, जिसके बारे में हर किसी को जानना चाहिए।
रिवर्स वॉकिंग से अधिक कैलोरी बर्न होती है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि जब वॉकिंग की जाती है तो इससे आपकी कैलोरी बर्न होती है। लेकिन अगर आप उतने ही समय व कदमों को चलकर अधिक कैलोरी बर्न करना चाहते हैं तो आपको रिवर्स वॉकिंग करनी चाहिए। इससे आपकी कैलोरी अपेक्षाकृत अधिक बर्न होती है, जिससे आपको जल्द शेप में आने में मदद मिलती है।
बैलेंसिंग में मददगार
हम सभी की आदत होती है कि जब भी हम चलते हैं तो आगे की ओर चलते हैं। लेकिन अगर आप रिवर्स वॉकिंग करते हैं तो इससे आप अपनी डायरेक्शन को चेंज करते हैं। ऐसे में आपको संतुलन को बनाए रखने के लिए अधिक स्थिरता की आवश्यकता होती है। नियमित रूप से यह अभ्यास करने से आपको अपनी बॉडी को बैलेंस करने में मदद मिलती है। हालांकि, गिरने या टक्कर से बचने के लिए हमेशा सुनिश्चित करें कि आप बिना किसी बाधा वाले क्षेत्र में चल रहे हैं।
इन्द्रियों पर पड़ता है सकारात्मक असर
चूंकि रिवर्स वॉकिंग करते समय हम अपनी बॉडी की आदत के विपरीत चलते हैं। ऐसे में रिवर्स वॉकिंग करना आपकी इन्द्रियों के लिए भी अच्छा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रिवर्स वॉकिंग आपकी सोचने की क्षमता को और भी अधिक बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
पैर होते हैं अधिक मजबूत
हम आमतौर पर जब आगे की ओर चलते हैं तो कुछ मांसपेशियां जो हमारे पैरों के पिछले हिस्से में होती हैं, उनका सही तरह से व्यायाम नहीं हो पाता है। लेकिन जब आप रिवर्स वॉकिंग करते हैं तो वे मांसपेशियां भी मूव करती हैं। जिससे आपके पैर अधिक मजबूत बनती हैं।

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