अंतरा व छाया अपनाकर अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाएं : सीएमओ

अब स्वास्थ्य केंद्रों पर भी उपलब्ध होगा त्रिमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा 

परिवार नियोजन सेवाओं को विस्तार देने के उद्देश्य से सीएचओ और एएनएम को प्रशिक्षण

मुजफ्फरनगर, 3 अप्रैल 2022। परिवार नियोजन सेवाओं को विस्तार देने के उद्देश्य से सेवा प्रदाताओं यानि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ और एएनएम को परिवार नियोजन सेवाओं के संबंध में प्रभावी काउंसलिंग की सीख दी गई। उन्हें परिवार नियोजन के असल मायने और इस संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर करने के तरीके भी सुझाए गए ताकि अधिक से अधिक दंपत्ति परिवार नियोजन के साधनों को अपनाकर अपनी मन मर्जी से बेहतर, सुखी और स्वस्थ जीवन जी सकें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. महावीर सिंह फौजदार ने कहा जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन की सेवाओं को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है और सीएचओ और एएनएम को परिवार नियोजन सेवाओं के संबंध में प्रभावी काउंसलिंग की सीख दी जा रही है। ताकि दंपति परिवार नियोजन के साधनों को अपनी मर्जी से चुन सके। इसके साथ ही यदि कोई महिला अंतरा छाया को चुनती है तो उसे जिला अस्पताल न जाना पड़े और स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा दंपति को मिल सके। सीएमओ ने बताया महिलाओं को लम्बे समय तक गर्भधारण से बचाव के लिए गर्भनिरोधक साधन जरूरी है। गर्भनिरोधक साधन तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा व साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली छाया अपनाकर महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सकती है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व परिवार नियोजन की नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या वर्मा ने बताया परिवार नियोजन की सेवाओं को विस्तार देने के लिए छह ब्लॉक बघरा, शाहपुर, बुढ़ाना, खतौली, मख्याली व मोरना में सीएचओ और एएनएम को परिवार नियोजन सेवाओं के संबंध में जानकारी दी जा रही है तथा अंतरा छाया की सुविधा को स्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू करने के लिए जोर दिया गया। अभी तक 40 स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस दौरान शादी की सही उम्र और दो बच्चों के बीच अंतर पर जोर दिया गया। 

डॉ. दिव्यांक ने बताया परिवार नियोजन का मूल आधार भी यही दो बिंदु हैं, लेकिन इससे भी पहले नियोजन यानि प्लानिंग क्यों जरूरी है, इस बात पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया -बाकी के तीन ब्लॉक चरथावल, जानसठ और पुरकाजी में भी जल्दी ही यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए विभागीय कार्रवाई जोरों पर है। मई तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कम उम्र में शादी करने और जल्दी मां बनने से मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पहले तो सही उम्र में शादी करें और शादी के कम से कम दो साल बाद पहला बच्चा। दूसरे बच्चे के लिए जल्दी न करें। दोनों बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर होना जरूरी है। इस बीच पहले शिशु को मां कम से कम दो साल तक स्तनपान जरूर कराए ताकि बच्चा कुपोषण का शिकार न हो। एक बार मां बनने के बाद महिला को फिर से मां बनने के लिए भी कम से कम तीन साल की जरूरत होती है। कम अंतराल में मां बनने पर मां और शिशु, दोनों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। प्रशिक्षण में बताया गया कि सुरक्षित अंतराल के लिए दंपत्ति को परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के प्रयोग की सलाह दें।

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