कुपोषण को लेकर सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं का किया गया संवेदीकरण

 यूनिसेफ की मंडल कोऑर्डिनेटर और मास्टर ट्रेनर ने दिया प्रशिक्षण
बताया- सैम और मैम बच्चों को कैसे बनाएं सुपोषित



 मेरठ, 29 अप्रैल 2022। कुपोषण को समाप्त करने के लिये सरकार पूरी तरह गंभीर है। कुपोषण को समाप्त करने के लिये जिले में सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं को यूनिसेफ की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम) और मध्यम गंभीर कुपोषित(मैम) बच्चों को कैसे सुपोषित बनाया जा सकता है।जनपद के विकास भवन में यूनिसेफ की ओर से एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के बाल विकास परियोजना अधिकारियों(सीडीपीओ) और मुख्य सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जागरूक करेंगी।
 जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत कुमार ने बताया जनपद में शून्यसे छह साल के करीब 2.14382 बच्चे हैं। उनमें 4894 बच्चे कुपोषित और 961 अति कुपोषित बच्चे हैं। इनमें 926 सैम और 35 मैम श्रेणी के हैं।उन्होंने बताया यूनिसेफ की मंडल कोऑर्डिनेटर गरिमा सिंह और मास्टर ट्रेनर राम चरण ने जनपद की 13 सीडीपीओ और 34 मुख्य सेविकाओं को बताया कि बच्चों का कैसे कुपोषण दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया सैम और मैम बच्चों को किस प्रकार पोषाहार देकर उन्हें सामान्य श्रेणी में लाया जा सकताहै। मास्टर ट्रेनर रामकरण ने बताया शून्य से छह साल के बच्चे का वजन कैसे लेना है। कैसे उनकी लंबाई व ऊंचाई नापनी है। कैसे उनकी ग्रेडिंग करनी है। अगर बच्चा ग्रेडिंग के अनुसार कमजोर है तो उसे सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी-पीएचसी) और पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) भेजना है।
सीडीपीओ ग्रामीण सुमन तोमर ने बताया प्रशिक्षण काफी लाभप्रद रहा।ट्रेर्निग में नयी-नयी जानकारी मिलीहैं। सीडीपीओ दौराला सुशील कुमार ने बताया प्रशिक्षण के दौरान कुपोषण से संबंधित काफी जानकारी मिली, जिससे आंगनबाड़ी को बताने में काफी सुविधा मिलेगी। मुख्यसेविका रजपुरा पूनम गर्ग ने बताया  जो कुछ यहां सीखा वहआगे चलकर बड़ा काम आएगा। 

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