स्वास्थ्य विभाग से तालमेल कर सुधारेंगे बच्चों की सेहत:- जिला कार्यक्रम अधिकारी

दो लाख बच्चों की हुई स्क्रीनिंग
वजन और लंबाई मापकर 927 मैम और 34 सैम बच्चे खोजे
2.08 लाख बच्चे सामान्य श्रेणी के मिले

 मेरठ 9 अप्रैल 2022। जनपद में 21 मार्च से चार अप्रैल तक चले पोषण पखवाड़े के दौरान पांच वर्ष तक के 2.14लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए वजन और लंबाई मापी गई।जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत कुमार सिंह ने बताया.2.08 लाख बच्चे सामान्य श्रेणी के पाये गये जबकि 4894 बच्चे कुपोषित और 961 बच्चे अतिकुपोषित मिले। इनमें 927मध्यम गंभीर कुपोषित मैम और 34 बच्चे गंभीर तीव्र अतिकुपोषित सैम श्रेणी के मिले। सैम.मैम बच्चों को स्वास्थ्य विभाग से तालमेल कर चिकित्सकीय परामर्श दिलाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर पोषण पुनर्वास केंद्र एनआरसी में भर्ती कराकर इन बच्चों की सेहत सुधारी जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत कुमार सिंह  ने बताया पोषण पखवाड़े के दूसरे चरण में पोषण के प्रति जागरूकता के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। शहरी बाल विकास परियोजना के अंतर्गत सबसे अधिक 969 कुपोषित बच्चे मिले हैं। यहां सात मैम और आठ बच्चे सैम श्रेणी के मिले। रजपुरा बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 530 कुपोषित व 92 मैम तीन सैम बच्चे मिले। ग्रामीण बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 197 कुपोषित और 50 मैम चार सैम, रोहटा बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 236 बच्चे कुपोषित और 64 बच्चे मैम दो सैम, जानी बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 469 बच्चे कुपोषित जबकि 160 बच्चे मैम और चार बच्चे सैम, खरखौदा बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 205 बच्चे कुपोषित और 44  मैम और दो बच्चे सैम श्रेणी के पाये गये। मवाना बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 256 बच्चे कुपोषित और 116 मैम और आठ बच्चे सैम,हस्तिनापुर बाल विकास परियोजना  के अंतर्गत 142  कुपोषित 38 मैम और तीन सैम पाये गये। परीक्षितगढ़ बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 478  बच्चे कुपोषित 83 मैम और दो सैम, माछरा बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 369  बच्चे कुपोषित,61 बच्चे मैम और एक सैम। दौराला बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 475 बच्चे कुपोषित,62 मैम और दोसैम थे। सरधना बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 223 बच्चे कुपोषित,71 मैम और एक बच्चा सैम निकला। सरूरपुर बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 335 बच्चे कुपोषित, 69 बच्चे मैम और एक बच्चा सैम निकला।  
 जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया अल्प वजन वाले बच्चों के खानपान पर ध्यान देने की सलाह उनके अभिभावकों को दी गई है। कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग से तालमेल कर प्रभावी हस्तक्षेप किया जाएगा और साथ ही विभाग की ओर से पोषाहार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके की टीम इन बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर चिकित्सकीय परामर्श देगी। इसके साथ ही निजी चिकित्सालयों के बाल रोग विशेषज्ञों से परामर्श उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मैम और सैम बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराकर उनकी सेहत सुधारी जाएगी।

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