गेहूं कटाई को नहीं मिल रहे मजदूर

मेरठ। बढ़ती महंगाई के बीच अब गेहूं की फसल की कटाई करना भी महंगा हो गया है। किसानों को गेहूं की फसल की कटाई करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे। डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद अब फसल की थ्रेसिंग कराना भी महंगा पड़ रहा है। मशीन संचालकों ने भी अपने चार्ज दोगुना तक कर दिए हैं। ऐसे में किसान बेहद परेशान हैं। किसानों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच मुफ्त राशन का साइड इफेक्ट है कि अब उन्हें मजदूर भी नहीं मिल रहे। किसान खुद ही अब अपनी फसल काट रहे हैं।

अगर मेरठ की बात की जाए तो जिले में करीब 18 हजार हेक्टेयर खेती की भूमि पर गेहूं की फसल होती है और गेहूं की कटाई का समय इन दिनों चल रहा है। किसान अपने खेत में गेहूं की फसल उगाता है और मजदूर किसान उस फसल को काटते हैं। इसके एवज में मजदूर किसान गेहूं की फसल और नगद पैसे भी लेते हैं। इसके बाद फसल को बांधना और फिर उसकी थ्रेसिंग करना आता है। इसके लिए अलग से लेवर होती है लेकिन इन दिनों किसानों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच गेहूं की फसल की कटाई कराना भी महंगा हो गया है। मुफ्त राशन मिलने की वजह से जो मजदूर किसान हैं वो फसल की कटाई के लिए नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में किसान परेशान हैं और उन्हें खुद ही अपनी फसल की कटाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। किसान सुधीर कुमार किसान बालेंद्र सिंह और हरि सिंह ने बताया कि इन दिनों डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का असर गेहूं की फसल की थ्रेसिंग पर पड़ रहा है। डीजल के रेट लगातार बढ़ रहे हैं और सबसे बड़ी परेशानी मजदूरों की हो रही है फसल की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे।

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