पाकिस्तान में वकीलों ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

 कहा संविधान की पवित्रता में विश्वास और मजबूत हुआ

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की कानून बिरादरी ने नेशनल असेंबली को बहाल किए जाने के देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले की सराहना की।


गुरुवार को पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने नेशनल असेंबली को बहाल करते हुए ऐलान किया कि असेंबली को भंग करने का सरकार का निर्णय और इसी के संबंध में उपाध्यक्ष कासिम सूरी का फैसला संविधान के खिलाफ था।


इस दौरान शीर्ष अदालत ने नेशनल असेंबली अध्यक्ष असद कैसर को आदेश दिया है कि वह शनिवार (नौ अप्रैल) को सुबह 10 बजे सत्र बुलाएं और प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराएं।


पाकिस्तान की कानून बिरादरी ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे संविधान की पवित्रता पर विश्वास और गहरा हो गया।


पाकिस्तान में कानून विशेषज्ञ रीमा ओमर ने ट्वीट करते हुए कहा, ''संविधान की पवित्रता में विश्वास और मजबूत हुआ, आवश्यकता के सिद्धांत को दफनाया गया - पता चला कि यह 'आदर्शवाद' नहीं था।''


पाकिस्तान के एक और कानूनी विशेष मुनीब फारूक ने कहा, ''शुक्र है कि 03 अप्रैल को हुई कार्रवाई को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज करने के फैसले का जश्न हम मना पा रहे हैं। यह सत्ताधारी दल के लिए शर्म की बात है क्योंकि उन्होंने जो किया वह सम्माननीय नहीं था।''


वकील सालार खान ने ट्वीट कर कहा, ''संविधान की जीत हुई। आवश्यकता का सिद्धांत हमेशा जमीन से छह फीट नीचे ही रहे।" वकील असद रहीम खान ने ट्वीट कर इसे संविधान और संसद की पवित्रता के लिए एक अच्छा दिन बताया।

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