आईआईएमटी विश्वविद्यालय आयुर्वेद विभाग में शिष्योपनयन संस्कार का आयोजन
- आयुर्वेद विभाग में बीएमएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हवन-यज्ञ के साथ शिष्योपनयन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन

मेरठ। बीते कुछ सालों में आयुर्वेद पूरी दुनिया में तेजी से प्रसिद्ध होता जा रहा है। दुनिया भर में लोग भारतीयों की पहचान योग और आयुर्वेद के लिए बन रही है। मगर इसके लिए आयुर्वेद और योग विज्ञान पर सही पकड़ होनी जरूरी है। आयुर्वेद ही आने वाले दशक में भारत को दोबारा विश्व गुरु बनाएगा। आयुर्वेद विभाग के भव्य शिष्योपनयन संस्कार को संबोधित करते हुए आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने ये विचार रखे।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग में बीएमएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हवन-यज्ञ के साथ शिष्योपनयन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यकम में मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील जोशी और अनुभवी वरिष्ठ वैद्य डॉ ताराचंद शर्मा ने भी छात्रों को आशीर्वाद दिया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने डॉ सुनील जोशी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कुलपति डॉ दीपा शर्मा ने वरिष्ठ वैद्य डॉ ताराचंद शर्मा को प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। छात्रों से अपने अनुभव साझा करते हुए डॉ सुनील जोशी ने आयुर्वेद के कुछ व्यावहारिक टिप्स भी दिए।
डॉ ताराचंद शर्मा ने हवन और यज्ञ की सार्थकता छात्रों को समझाते हुए इस परंपरा को आगे भी जारी रखने की जरुरत जताई। कार्यक्रम में प्रथम वर्ष के छात्रों ने अपने शिक्षकों और विश्व विद्यालय के इस कार्यक्रम के प्रति आभार जताया। छात्रों ने रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ अपने क्षेत्र की प्रतिभा की झलक दिखाई। वहीं कुछ बालकों ने कार्यक्रम में योग की क्रियाओं को जोड़कर अनूठी प्रस्तुति दी।
प्रति कुलाधिपति डा0 मयंक अग्रवाल जी ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वेलनेस सेंटर की जगह आयुर्वेद को ही आधार बनाकर रखेंगे तो ही आयुर्वेद आगे बढ़ेगा।
डॉ एसके तंवर डीएमएस, प्राचार्या डॉ राकेश पंवार ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। डॉक्टर गुंजन, डॉ अंजलि पुनिया, डॉक्टर कुलसुम, डॉ नेहा, डॉ ऋतु, डॉ अनुपमा, डॉ परीक्षित, डॉ सचिन, डॉ सिम्मी,डॉ भूमिका, डॉ विकास, अंजू, दया प्रकाश, अनिल, रूबी, परविंद्र कुमार आदि का सहयोग रहा।

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