मोदीनगर में छात्र की मौत का मामला

परिजनों ने जाम किया मेरठ हाइवे
प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की कर रहे मांग
मोदीनगर।
गाजियाबाद के कस्बा मोदीनगर में दयावती मोदी पब्लिक स्कूल के छात्र अनुराग भारद्वाज की मौत के मामले में प्रिंसिपल की गिरफ्तारी नहीं होने पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। गुरुवार सुबह उन्होंने गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर मोदीनगर में थाने के सामने जाम लगा दिया। धरना देकर सड़क पर बैठ गए। पुलिस अफसरों से खूब नोकझोंक हुई।
 फिलहाल हाईवे पर हंगामा जारी है। उधर, प्रशासन की शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस स्कूली बस से हादसा हुआ, उसे पिछले साल ही फिटनेस नहीं होने पर ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका था। परिवहन विभाग की गलती यह रही कि उसने बस सीज नहीं की। स्कूल की गलती यह रही कि चेताए जाने के बावजूद उन्होंने यह बस चलवाई।



गौरतलब है कि मोदीनगर की सूरत सिटी कॉलोनी में नितिन भारद्वाज, पत्नी नेहा, 10 वर्षीय बेटे अनुराग और बड़ी बेटी अंजलि के साथ रहते हैं। अनुराग दयावती मोदी पब्लिक स्कूल में कक्षा-चार का छात्र था। बुधवार को वह स्कूल जाने के लिए बस में बैठा। रास्ते में उसे वोमेटिंग होने लगी। वोमेटिंग करने के लिए अनुराग ने बस की खिड़की से सिर बाहर निकाला। मोदीपोन पुलिस चौकी के सामने बस जैसे ही मुड़ी तो अनुराग का सिर कॉलोनी में लोहे के गेट से टकरा गया और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में मोदी समूह के प्रबंधक उमेश मोदी समेत प्रिंसिपल, ड्राइवर और मैनेजमेंट पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
प्रिंसिपल को छोड़ने पर बढ़ा आक्रोश
पुलिस ने बढ़ते हंगामे को देखते हुए प्रिंसिपल और ड्राइवर को बुधवार को कस्टडी में ले लिया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गुरुवार को प्रिंसिपल को छोड़ दिया। उन्हें यह जानकारी लगी तो गुस्सा भड़क गया। अनुराग के परिजन और आसपास के लोग इकट्ठा होकर मोदीनगर थाने पर पहुंचे, खूब हंगामा किया। संतुष्ट जवाब नहीं मिला तो वे थाने के सामने सड़क पर बैठ गए। गाजियाबाद-मेरठ हाईवे जाम कर दिया। परिजनों का सीधे तौर पर आरोप है कि पुलिस ने रुपए लेकर प्रिंसिपल को छोड़ा है। जब तक प्रिंसिपल की अरेस्टिंग नहीं होगी, तब तक किसी से कोई बात नहीं होगी।
इस संबंध में गाजियाबाद के एसपी देहात ईरज राजा ने बताया, पुलिस शुरुआत से इस केस में पीड़ित परिजनों को पूरा कॉपरेट कर रही है। शव के पोस्टमार्टम कराने से लेकर उसके अंतिम संस्कार में पुलिस ने सहयोग दिया। प्राथमिक तौर पर दोषी पाए जाने के बाद स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर को अरेस्ट करके आज जेल भेजा जा रहा है। प्रिंसिपल और अन्य लोगों पर लगे आरोपों की जांच के लिए कम से कम एक-दो दिन चाहिए, उसके बाद पुलिस आवश्यक कार्रवाई करेगी।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts