छुआछूत गरीबी और नारियों के सम्मान के लिए जीवन भर संघर्ष किया: अजय मित्तल

Meerut-

इन्होने देश में व्याप्त छुआछूत, गरीबी और नारियो के प्रति होने वाले भेदभाव के खिलाफ लड़ने की ठान ली और इसके लिए इन्होने जीवन भर संघर्ष किया। इनका मानना था की जब तक देश के दलित, वंचित और शोषित वर्ग के लोगो को बराबरी का नयन नहीं मिल जाता है तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। आपको बता दू की भीमराव अम्बेडकर भारत के ऐसे पहले नेता थे जिन्होंने दलितों के प्रतिनिधी के रूप में तीनो गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया था। इनकी योग्यता और कार्यकुशलता के कारण इन्हे भारत का पहला कानून मंत्री बनाया गया जिन्होंने संविधान निर्माण के काम को बखूबी अंजाम दिया यह बात चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर छात्रावास में अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता अजय मित्तल ने कही। डॉक्टर जेएस भारद्वाज ने कहा कि बाबा साहब सर्व समाज के सबसे बड़े समाज वैज्ञानिक तथा पथ प्रदर्शक थे। प्रोफेसर रूपनारायण ने कहा कि हम सबको उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। डॉक्टर संजीव कुमार ने अतिथियों का परिचय कराया कार्यक्रम का संचालन ललित मोहन ने किया। इस दौरान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर छात्रावास के छात्रों ने भी बाबा साहब के स्मरणों को सुनाया। गुरुवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर छात्रावास में अंबेडकर जयंती मनाई गई इस दौरान उनके चित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर उनको याद किया गया इस अवसर पर डॉक्टर दुष्यंत चौहान डॉक्टर यशवेंद्र, डॉक्टर अजय, मोनी, शशि, पवन, डॉक्टर अंशु शर्मा, चंदन, देव, विपुल, अविनाश आदि मौजूद रहे।

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