अरबों की संपत्ति अर्जित कर चुके हैं एनकाउंटर में मारे गए बंजारा बंधु

मेरठ। जनपद के कस्बा फलावदा के मूल निवासी कुख्यात अकबर और सलमान बंजारा भाइयों को एक दिन पहले असम में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया गया है। इन दोनों के देश विरोधी कनेक्शन के भी तार जुड़ते नजर आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह आईएसआई से जुड़कर विदेश तक गोवंश की तस्करी कराता था। करोड़ों की फंडिंग हवाला से होती थी।
 अकबर बंजारा और सलमान बंजारा पर असम पुलिस की ओर से दो लाख का इनाम था। मेरठ पुलिस ने इस गैंग को 13 अप्रैल को जेल भेजा, जहां से 14 अप्रैल को असम पुलिस बी वारंट पर इनको असम ले गई।
   पुलिस के मुताबिक यह माफिया गायों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी के साथ ही हवाला के माध्यम से पैसे के लेन-देन का कारोबार करते थे। पुलिस की जांच में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि मवेशियों की तस्करी में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी शामिल है। पूछताछ के दौरान दोनों माफिया अकबर व सलमान ने यह भी बताया था कि इस अवैध धंधे की एक बड़ी धनराशि बीटीसी के चरमपंथी संगठनों जैसे एनडीएफबी, केएलओ के कोकराझार, चिरांग, बाक्सा और मेघालय के कुछ चरमपंथी संगठनों के साथ ही अन्य आतंकवादी संगठनों को भी भेजी जाती है। हवाला के जरिए चरमपंथियों के पास पैसे पहुंचाए जाते हैं। हवाला के पैसे का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में किया जाता है। हवाला का व्यापार हुंडी और सोने के रूप में भी किया जाता है। मवेशियों की तस्करी सोनकोश नदी के जरिये किया जाता जाता है। उन्होंने मवेशियों की तस्करी के लिए अपनाए जाने वाले रास्तों के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी है।
   पुलिस के मुताबिक दोनों माफिया को बीती रात कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एकत्र करने के लिए गोसाईगांव अंतर्गत यमदुवार इलाके में ले जाया गया था। वहां पहुंचते ही संदिग्ध उग्रवादियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस का वाहन रोकने के लिए पेड़ गिराकर सड़क को अवरूद्ध कर दिया गया था। पुलिस और आतंकियों के बीच लगभग 10-12 मिनट तक फायरिंग हुई। घटना के समय वाहन के अंदर मौजूद अकबर बंजारा और सलमान बंजारा को गोली लग गई। घायल हुए अकबर और सलमान को स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इलाके में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है। मौके से एक एके-47 राइफल, दो मैगजीन, 35 जिंदा गोलियां बरामद की गई हैं। साथ ही एके-47 राइफल की 28 खाली गोलियां बरामद हुई हैं। इस घटना में चार पुलिसकर्मी भी घायल बताए गए हैं। इस दौरान पुुलिस की पूछताछ में आया है कि यह गैंग अपने मोबाइल नंबर बदल देता था। असम पुलिस लंबे समय से यूपी के मेरठ में तलाश कर रही थी। गोतस्करी के अवैध कारोबार से अर्जित इनकी संपति अरबों रुपये में बताई गई है। जिसके लिए संबंधित विभाग को भी जांच करने के लिए लिखा गया है।

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