टीबी को मात देकर बने चैंपियन, अब दूसरों को भी दिलाएंगे टीबी से मुक्ति
टीबी चैंपियंस की हुई क्लास, एप डाउनलोड कराया
-        2025 तक मिलकर करेंगे भारत को टीबी मुक्त

 
हापुड़, 08 मार्च, 2022। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी चैंपियन अब टीबी रोगियों को खुद बीती बताएंगे और इस बीमारी के जद से निकलने की राह भी दिखाएंगे। दरअसल क्षय रोग विभाग ने टीबी को मात देकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे लोगों को टीबी चैंपियन बनाया है। जनपद हापुड़ की बात करें तो हर टीबी यूनिट से एक महिला और एक पुरुष को शामिल करते हुए 18 टीबी चैंपियन बनाए गए हैं। 
अब इन चैंपियंस का असली काम शुरू होने वाला है। ऑनलाइन ट्रेनिंग के बाद यह चैंपियंस टीबी रोगियों को पढ़ाएंगे और उन्हें इस बीमारी से बाहर निकलने की राह भी सुझाएंगे। शासन के आदेश पर मंगलवार को जिला क्षय रोग केंद्र पर टीबी चैंपियंस की क्लास हुई। पहली क्लास में टीबी चैंपियंस को diksha e gurukul एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और उनके मोबाइल में यह एप डाउनलोड भी कराया गया।
जिला कार्यक्रम समन्यवयक दीपक कुमार शर्मा और जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने टीबी चैंपियंस को बताया- दीक्षा एप पर उनकी ट्रेनिंग के लिए विभाग की ओर से तैयार कराया गया पूरा सिलेबस उपलब्ध है। एप को लेकर आयोजित किए गए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में के दौरान वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक बृजेश कुमार और मनोज कुमार गौतम भी मौजूद रहे।  
 
आज से शुरू होगा एसीएफ
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) ने बताया-जनपद में बुधवार से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) शुरू होगा। अभियान के तहत जनपद की टीबी की लिहाज से संवेदनशील 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग होगी। लिंक वर्कर (आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता) के सहयोग से अभियान को अंजाम दिया जाएगा। एसीएफ के लिए 125 टीम गठित की गयीं हैं, जो घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी देंगी और मिलते जुलते लक्षण वालों की जांच कराएंगी। अभियान 22 मार्च तक चलेगा। उन्होंने कहा टीबी के संक्रमण को रोकने के लिए रोगी की जल्दी पहचान और उपचार शुरू होना जरूरी है। 
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एनएसएस कैंप में दी गई क्षय रोग की जानकारी
एसएसवी पीजी कॉलेज में चल रहे एनएसएस कैंप में शामिल छात्र-छात्राओं को क्षय रोग के बारे में जानकारी दी गई। मंगलवार को जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक कुमार शर्मा और जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने कैंप में शामिल छात्रों को बताया - यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी रहे, अचानक वजन गिरने लगे, बुखार रहता हो, कमजोरी महसूस होती हो, खांसी के साथ बलगम या खून आता हो, रात में सोते समय पसीना आता हो, तो ऐसे व्यक्ति को क्षय रोग (टीबी) हो सकता है। टीबी के लक्षण आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर  टीबी की निशुल्क जांच कराएं। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उपचार भी निशुल्क दिया जाता है और उपचार जारी रहने तक सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डा. रितु सिंह, डा. शरद, डा. संजय रावत और डा. राहुल धामा का इस जागरूकता कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा।

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