सरधना से साजिद कुरैशी की रिपोर्ट-----
सुवर्णप्राशन दवा बनेगी रक्षा कवच

सरधना (मेरठ) सम्पूर्ण विश्व में कोरोना संक्रमण व्याप्त हैं, इसमें भारत भी अछूता नही रहा हैं। कोरोना की दूसरी लहर के पश्चात वैज्ञानिाकों ने तीसरी लहर की आशंका जाते हुए, इसमें बच्चों का सबसे अधिक प्रभावित होना बताया है, जिससे अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति बहुत चिंतित है। ऐसे में हम सभी को अभी भी इस संकट से बचने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। 
बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए आयुर्वेद के नियमों का पालन करते हुए  महावीर आयुर्वेदिक मैडिकल कॉलिज एवं चिकित्सालय, पौहल्ली, में बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए आयुर्वेदिक दवा सुवर्णप्राशन (इम्यूनिटी बूस्टर) कैंप का आयोजन किया गया। सुवर्णप्राशन कैंप का शुभारम्भ संस्थान के संस्थान के डायरेक्टर जनरल सतीश राघव, सीईओ0 आशीष बालिया, डायरेक्टर एडमिन विक्रांत यादव, प्रधानाचार्य डॉ0 देवदत्त भादलीकर ने बच्चों को दवाई पिलाकर किया। 
इस अवसर पर संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ0 देवदत्त भादलीकर ने कहा कि सुवर्णप्राशन को साधारण भाषा में आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेशन कहा जा सकता हैं, जो बच्चों के लिए हर बीमारी में सुरक्षा कवच सिद्ध हो सकती हैं। भारत में अभी भी कोरोना महामारी के लिए नवजात से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध नही है। इसी को ध्यान में रखते हुए महावीर आयुर्वेदिक मैडिकल कॉलिज प्रत्येक पुष्प नक्षत्र में सुवर्णप्राशन का कैप लगा रहा हैं।
संस्थान के बाल रोग विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ0 अभिषेक आनंद ने बताया कि यह दवाई महावीर आयुर्वेदिक मैडिकल कॉलिज में सम्पूर्ण विधि विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ निर्मित की गई हैं। सुवर्णप्राशन दवाई का प्रयोग नवजात शिशु से लेकर 16 वर्ष तक के सभी बच्चों मे किया जाता है तथा इसके प्रयोग से किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव शरीर पर नही पडता है। उन्होंने बताया कि सुवर्णप्राशन के प्रयोग से बच्चों की बुद्धि, शारीरिक शक्ति, मेटॉबालिज्म, पाचन शक्ति एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता मे वृद्धि होती है।
संस्थान की अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ0 सुरभि बंसल ने सुवर्णप्रासन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह स्वर्ण भस्म, गौ घृत, एवं अन्य महत्वपूर्ण जडी बूटियों से विशेष नक्षत्र (पुष्य नक्षत्र) मे तैयार किया जाता है। स्वर्ण भस्म रसायन के रूप में कार्य करती है। अनेक प्रकार के अध्ययनों से पता चला है कि स्वर्ण भस्म एंटी ऑक्सीडेंट विषम ज्वर रोधी, कैंसर रोधी, जीवाणु रोधी एवं तंत्रिका उत्तेजक के रूप में कार्य करता है। जबकि घी और शहद में शर्करा, अमीनो एसिड, प्रोटीन लिपिड विटामिन्स एवं बायो मालिक्यूल्स होते है। जिस कारण ये इम्यूनोजेनेसिटी संयुुग्मक बनाए रखते है। 
सुवर्णप्राशन कैम्प में आर्मी बैस कैम्प, पौहल्ली, दबथुवा, बटजैवरा, जेवरी, नानू आदि गॉव के बच्चों को सुवर्णप्राशन दवाई पिलाई गई।
इस अवसर पर संस्थान के डॉ0 आर0के0 कौशिक, डॉ0 अनुपम सिंह, डॉ0 मंसुर अहमद, डॉ0 सूर्यप्रकाश, डॉ0 ज्योति, डॉ0 हर्षा, डॉ0 अजित सिंह, डॉ0 मनिषा शुक्ला आदि सभी डॉक्टर उपस्थित रहें।

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