गौरेया दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
मेरठ। एनएस डिग्री कॉलेज सभागार में विश्व गौरैया दिवस के उपलक्ष में कालचक्र इतिहास परिषद एवं सांख्यिकी परिषद एनएएस कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यावरणविद हिमालय पुत्र पद्म विभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. जोशी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गौरैया को बचाना होगा। घटती गौरैया की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह अवमूल्यन इसका प्रतीक है की गौरैया आपसे कह रही है कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ रही हूं। इस पाप और कलंक का सबसे बड़ा भागीदार मानव है और उसी को इसकी त्रासदी केदारनाथ तथा कोविड-19 जैसी आपदाओं के रूप में भोगनी होगी। क्योंकि कोविड-19 198 देशों को तबाह कर दिया प्रकृति का विज्ञान जब दंड देता है तो उसके परिणाम भी भयंकर होते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रमन कांत त्यागी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जल संरक्षण और उसके संचयन के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नानक चंद ट्रस्ट के पूर्व सचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति सबके कल्याण की अवधारणा पर केंद्रित है यहां हर जीवधारी को समान रूप से समन्वय कारी मानते हुए उनके प्रति दया और मैत्री का भाव रखने की बात कही गई है। ट्रस्ट के सचिव अमित शर्मा ने कहा कि भारतीय धर्म दर्शन और ज्ञान हमें इसके लिए सदैव प्रेरित करता है कि हम अपने नैतिक दायित्व को निभाएं।
प्राचार्य प्रोफेसर मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति और दर्शन समस्त जीवों में सम भाव रखने का महत्वपूर्ण संदेश देता है, क्योंकि हित और अहित सभी पशु पक्षी समझते हैं। गौरैया मित्र क्लब के संस्थापक सदस्य डॉ. देवेश शर्मा ने कार्यक्रम में सहभागी मेरठ के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े पर्यावरण प्रेमियों का परिचय देकर उनका स्वागत किया और इस अभियान में उनसे मिल रहे सहयोग को सराहा। संस्थापक सदस्य डॉ. विवेक त्यागी ने कालचक्र इतिहास परिषद एवं सांख्यिकी परिषद तथा गौरैया मित्र क्लब के द्वारा अबतक चलाई गई गतिविधियों का विवरण वृत्त चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया। डॉ. स्मिता शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में डॉ. अनिल प्रकाश जोशी की उपलब्धियों के साथ उनका परिचय दिया। कार्यक्रम के संचालक डॉ. नवीन गुप्ता ने विशिष्ट अतिथि रमन कांत त्यागी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे योगदान पर प्रकाश डालते हुए ऐतिहासिक संदर्भों के माध्यम से जीवों के प्रति दया और उदारता की भावना रखने की बात कही।
इससे पूर्व आयोजन समिति और महाविद्यालय परिवार की ओर से मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को गाय और तुलसी की रजत प्रतिमाएं देकर सम्मानित किया। डॉ. अमित जैन ने अतिथियों को पौधे भेंट किए। पवनेश गौड तथा आशुतोष वत्स की टीम ने संगीतमय सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम के आयोजन में अभिषेक भाटिया डॉ. एसके घई ऐश्वर्या शर्मा, गौरव वर्मा, अनुष्का कथूरी, कुनाल शर्मा आदि का विशेष सहयोग रहा।
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