👉 विश्व किडनी दिवस पर किडनी दानकर्त्ता व किडनी पाने वाले हुए सम्मानित
👉न्यूटिमा हॉस्पिटल में आयोजित कार्यक्रम में जादूगर वी सम्राट ने भी जरूरत मंदों को किडनी दान करने अपील की
मेरठ। किसी व्यक्ति की अगर किडनी खराब हो जाए तो उसकी जिंदगी सिमट जाती है। ऐसे में अगर को उसे किडनी दान कर तो वह उसके लिये भगवान के समान होता है। इसी परिपेक्ष में रविवार को विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष्य में न्यूटिमा हॉस्टिल में विश्व किडनी दिवस मनाया गया। इस दौरान ५० ऐसे लोगों को अस्पताल की ओर से सम्मानित किया गया। जिन्हेंाने दूसरों की जान बचाने के लिये अपनी किडनी दान कर दी। ऐसे लोगों को भी सम्मानित किया गया। जिन्होंने किडनी प्राप्त की।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ऋषि भटिया व डा संदीप गर्ग,डा स्वेता गर्ग,डा कार्तिके, डा शालिन शर्मा, डा शरत चन्द्र गर्ग, डा प्रिंयाक ,डा अमित उपाध्याय आदि ने किडनी देने वाले व पाने वालों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर डा संदीप गर्ग ने कहा वर्तमान में दुनियाभर में किडनी की बीमारी तेजी से बढ रही है। एक अनुमान के अनुसार २०४० तक यह मौत की पांचवी सबसे बडी वजह बन जाएगी। लेकिन किडनी डिजीज के खतरे को कम करने और हेल्दी रखने के तरीकों के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिये हर साल वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है। उन्होने बताया हर साल कमेटी विश्व किडनी दिवस पर एक थीम निर्धारित करती है। इस साल विश्व किडनी डे २०२२ की थीम किडनी हेल्थ फॉर ऑल रखी गयी है। जिसका मतलब कि सभी के लिये गुर्दे का स्वस्थ होना जरूरी है। आप भी अपने गुर्दे को डैमेज होने से बचाने के लिये हेल्दी डाइट लें। शराब से दूर रहे और जरूरी टेस्ट समय-समय पर करवाते रहे।
उन्होंने बताया कि अस्पताल केअंदर बच्चों का गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया। ९ साल के नैतिक को उसके दादा परमवीर ने उसकी जान बचाने के लिये अपना गुर्दा दान किया। जिनकी उम्र ६० साल की है। ७० साल के रतिराम ने अपने बेटे ब्रिजेश को गुर्दा दान किया।
जब बेटी के सुहाग को बचाने के लिये पिता ने कर दिया गुर्दा दान
डा संदीप गर्ग ने बताया एक केस ऐसा भी आया जब पिता ने अपनी बेटी के सुहाग को बचाने के लिये अपने दामाद को गुर्दा दान कर दिया।उन्होंने बताया कांती प्रसाद जिनकी उम्र ६९ साल की है। अपनी बेटी के सुहाग को बचाने के लिये दामाद को गुर्दा दान कर दिया। ऐसे कई उदाहरण है। जब ब्लड गु्रप अलग होने के बाद भी गुर्दा दान किया गया। भावना शर्मा ने अपनी माता मोनी शर्मा को गुर्दा दान कर अपनी मॉ की जान बचायी। इस प्रकार के प्रत्यारोपण को इनकम्पलिट ट्रांस्प्लांट कहते है। वो ऐसे लोगो को सलाम करते है।
दूसरो को किडनी दान करना सबसे बडा परोपकार
कार्यक्रम में लोगो ंको मनोरंजन करने के लिये आये जादूगर वी सम्राट ने कहा किडनी दान कराना सबसे बडा परोपकार है। उन्होने लोगों से कहा अगर किसी की जान बच रही है तो अपनी किडनी दान करने से न कतराये ।
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