अब खून की एक जांच बता देगी मुंह का  कैंसर

 लखनऊ विश्वविद्यालय ने 600 मरीजों पर किया शोध

लखनऊ।अब मुंह के कैंसर का पता लगाना आसान होगा। मनुष्य के शरीर से लिए खून की एक जांच ही पर्याप्त होगी। लखनऊ विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग की प्रोजेक्ट विज्ञानी डा. दिव्या टंडन ने मरीजों के खून के नमूने और टिशू के जरिए शोध करके एक सेंट्रोसोमल प्रोटीन (सेप)-55 बायो मार्कर ढूंढ लिया है। इससे मुंह के कैंसर की जानकारी के साथ-साथ उनकी स्टेज का भी पता चल सकेगा। यह जांच भी सस्ती होगी।
दरअसल, भारत में मुंह का कैंसर तीसरी सबसे खतरनाक व जानलेवा बीमारी है। हर साल देश में इस बीमारी से मरने वाले मरीजों की संख्या लगभग 5200 है। अक्सर इस बीमारी का पता काफी देर से चलता है। फिर लोगों को डायग्नोसिस आदि के लिए भी काफी पैसे खर्च करने होते हैं। यह बीमारी समय से पता चल जाए तो मरीज को बचाया भी जा सकता है। इस समस्या को देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग में प्रोजेक्ट विज्ञानी डा. दिव्या टंडन ने शोध किया है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अप्रैल 2011 में मुंह के कैंसर पर शोध के लिए एक प्रोजेक्ट दिया था। जंतु विज्ञान विभाग की मालीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक लैब में प्रो. मोनिषा बनर्जी के साथ मिलकर यह शोध किया। इसके लिए लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट से 600 मरीजों के टिशू और खून के नमूने लिए गए। इनमें 300 मरीज ऐसे थे जो मुंह के कैंसर से पीड़ित थे।

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