मेरठ। मेरठ शहर के राजनैतिक घराने अखलाक के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। राजनैतिक वजूद कम हुआ ​तो भाजपा शासनकाल में पुलिस का भी शिकंजा कसा है। अब एसएसपी ने पिस्टल का लाइसेंस रदद करने की संस्तुति डीएम से की है। बता दे कि हाजी अखलाक की कभी सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से नजदीकियां रही थी। उनके बेटे शाहिद अखलाक की बसपा की मायावती से करीबी रही। बसपा के टिकट पर शाहिद अखलाक एमपी भी बने थे। पुलिस जांच के मुताबिक वर्ष 2019 में गुदड़ी बाजार में हुई फायरिंग में शाहिद अखलाक की पिस्टल से गोली चलाई गई थी।

वर्ष 2019 में गुदड़ी बाजार में शाहिद अखलाक के भाई राशिद अखलाक और बेटे शाकिब अखलाक पर घर के बाहर फायरिंग करने का आरोप लगा था। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए राशिद अखलाक को जेल भेजा था। विवेचना में शाकिब की कोई भूमिका नहीं मिली तो उसका नाम निकाल दिया गया था। तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी ने पिस्टल जमा करने के आदेश दिए थे, लेकिन पूर्व सांसद ने पुलिस को बयान दर्ज कराए थे कि पिस्टल मरम्मत के लिए दुकान पर जमा है। बाद में पुलिस ने पिस्टल दुकान से अपने कब्जे में लेकर थाने के मालखाने में जमा कर दिया था। उसके बाद यह पिस्टल थाने से तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी के मौखिक आदेश पर पूर्व सांसद को दे दी गई थी। हालांकि इंस्पेक्टर कोतवाली अमरदीप लाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर पिस्टल थाने से रिलीज कर दी गई थी। इसलिए यह पिस्टल अब मालखाने में नहीं पूर्व सांसद के पास ही है।

इस प्रकरण में जब एसएसपी प्रभाकर चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच के बाद पूर्व सांसद शाहिद अखलाक का शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है। इस पर जो भी फैसला लेना है जिलाधिकारी स्तर से लिया जाएगा।

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