नई दिल्ली (एजेंसी)।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतों में न्याय प्रशासन का संचालन सुचारु रूप से करने के लिए बार (अधिवक्ताओं का निकाय) और बेंच (पीठ) के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बहुत आवश्यक हैं। न्यायाधीश एमआर शाह और बीवी नागरत्न की बेंच ने रविवार को यह टिप्पणी एक अधिवक्ता की ओर से दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए की। इस अधिवक्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट ने न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता के आचरण को देखते हुए कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट ने  मामले को बार काउंसिल के पास भेज दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों में न्याय प्रक्रिया बिना अवरोध चलती रहे इसके लिए बार और बेंच के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध अनिवार्य हैं। अदालत में अभद्र व्यवहार करने से किसी अधिवक्ता को लाभ नहीं होता है।
पीठ ने कहा कि अंत में इससे अदालत परिसर का वातावरण खराब होता है और वादी के मामले को भी खराब कर सकता है और इसके चलते वादी को बिना गलती के सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में अपने व्यवहार को लेकर बिना शर्त माफी मांगी। इसके साथ ही उसने एक शपथपत्र भी दाखिल किया है कि भविष्य में वह दोबारा इस तरह की हरकत नहीं करेगा।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता से कहा कि वह हाईकोर्ट के न्यायाधीश के सामने पेश होकर उनसे माफी मांगें। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट से भी कहा था कि अधिवक्ता की क्षमा याचना पर विचार करें।

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