बागियों से पार पाएगी भाजपा !
विरोधी तेवर देखते हुए लखनऊ तक हलचल
संजय वर्मा
मेरठ। भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट तो जारी कर दी है। यही लिस्ट उसके गले की हडडी बन गयी है। टिकट की उम्मीद करने वालो ने अब टिकट कटने के बाद बगावती तेवर दिखाने आरंभ कर दिये है। स्थिति यह हो गयी है। ऐसे बागियों ने टिकट पाने के वालों के वोट काटने केलिये निर्दलीय मैदान में उतरने या अन्य दलों में वोट ट्रासर्फर करने का फैसला कर लिया है। इस बात केा पता तो मतदान वाले दिन पता चल पाएगा कि बागी टिकट पाने वालों को कितना नुकसान दे पाएगे। लेकिन बागियों के तेवरों की गुंज लखनऊ व नयी दिल्ली तक पहुंचनी आंरभ हो गयी है। ऐसे बागियों को सन्तुष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
सबसे पहले बात करते है हस्तिनापुर सुरक्षित सीट की। जहां पहले ही दिनेश खटीक को मंत्री बनाए जाने पर पार्टी में ही विरोधी सुर दिखाई देने लगे थे। अब रही कसर पार्टी ने दिनेश खटीक को फिर से टिकट देकर कर दी है। जिसका विरोध पार्टी के गोपाल काली ने करना आरंभ कर दिया है। उन्हेांने दिनेश का टिकट देने का खुलेआम विरोध करना आरंभ कर दिया है। फेस बुक से लेकर अन्य सोशल मीडिया पर उन्होंने बगावती तेवर दिखाई आरंभ कर दिये है। उनका यह करना भी लाजिम है। वह भाजपा के पुराने नेता है। क्षेत्र में उनका अपना वजूद है। क्षेत्र की जनता दिनेश के टिकट फिर से मिलने से खुश नहीं है। अब यह विरोध कहा तक जाएगा कुछ नहीं कहा जा सकताहै।
अब बात करते है शहर सीट से जहां से कयाय लगाये जा रहे थे। सुनील भराला केा टिकट मिलने की संभावना थी। लेकिन उनका टिकट काट कर कमल दत्त शर्मा केा थमा दिया गया। टिकट कटने के बाद बगावती तेवर दिखाते हुए पार्टी को छेडने का मन बना लिया है। अब देखना यह है पार्टी उनको मना पाती है। या यह दूसरे पाले मे ंजाते है।
यही स्थिति सिवालखस विधान सभा में वर्तमान विधायक जितेन्द्र सतवाई का टिकट काट कर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मनिन्द्रपाल सिंह को थमा दिया है। इस मुखर होकर मनीक्षी भराला ने विरोध का झंडा उठा लिया है। वह निर्दलीय चुनाव लडकर मनिन्दर पाल सिंह को टक्क्र देने के लिये तैयारी करने में जुटी है। विरोधी तेवर मेरठ मे ही नही है। बल्कि मुजफ्फरनगर में दिखाई दे रहे है। वहां पर मीरापुर विधानसभा के मोरना कस्बे के भाजपा बनाए गये प्रत्याशी का खुलकर विरोध हो रहा है। ठीक यही स्थिति चरथावल व बघरा में बनी हुई है। जहां पर विरोध स्वरूप उम्मीदवारों के पुतलों को दहन किया गया है। सवाल उठता है भाजपा ने लिस्ट जारी करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई । इससे साफ दिखाई दे रहा है। भाजपा नेताओं के दूसरे दलो में जाने को लेकर ही सूची जारी की गयी है। इसकाअसर विधान सभा चुनाव देखने को भाजपा को मिल सकता है।

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