12 जनवरी को लखनऊ से जानी तक पैदल आने का कार्यक्रम घोषित

-विधानसभा चुनाव जीतकर ही लखनऊ की सरजमीं पर कदम रखने की ली प्रतिज्ञा

सरधना (मेरठ)। प्रसपा युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने घोषणा की कि 12 जनवरी को वे अपना काफिला छोड़ के लखनऊ से पैदल अपने गांव जानी के लिए कूच करेंगे। जानी आकर वे सिवालखास विधानसभा क्षेत्र  के लोगों को सम्बोधित करके आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में रणनीति बनाएंगे। अमित जानी ने घोषणा की कि सपा रालोद गठबंधन से टिकट मिले न मिलें वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। और जनता से सीधे सेवा करने का मौका मांगेंगे। 
  अमित जानी ने जानकारी दी कि प्रसपा का सपा से गठबंधन होने के बाद शिवपाल यादव ने उनसे कहा कि जयंत चौधरी के सामने अपना पक्ष रखकर अपनी दावेदारी पेश करें। उन्होंने जयंत चौधरी को अपने समीकरण बताए और जानकारी दी कि उन्होंने बिना किसी पद के विधानसभा के लोगों के लिए दो साल में करोड़ो रुपये का काम कराया है। अमित जानी ने आरोप लगाया कि उनका अपमान किया गया और कहा गया कि विधानसभा चुनाव कि छोड़ों, पहले गांव के प्रधान का चुनाव लड़ो। लखनऊ आने का ख्वाब छोड़ दो। इसीलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि वे अब तभी लखनऊ आएंगे जब उनके क्षेत्र के लोग उनको जिताकर लखनऊ भेजेंगे। यदि वे चुनाव नहीं जीते, तो मरते दम तक लखनऊ मे कदम् नहीं रखेंगे। अमित जानी ने कहा कि अपनी गाड़ियां और काफिले को छोड़ के वे पैदल पैदल लखनऊ से 557 किलोमीटर दूर अपने गांव आएंगे। जिसको लगे कि अमित जानी सही था वे अमित जानी का साथ दे। फेसबुक पे मार्मिक अपील करते हुए अमित जानी ने पोस्ट किया कि ये अमित जानी की पदयात्रा नहीं शवयात्रा है। लखनऊ वालो ने उनके विश्वास को तोड़ के उनको रुला दिया है। जैसे अर्थी के साथ लोग चलते है वैसे ही रास्ते मे समय मिले तो कंधे दे देना। अमित जानी ने कहा कि उनको शिवपाल यादव से कोई शिकायत नहीं है। लेकिन वे सिवाल की जनता को अकेले नहीं छोड़ सकते। अपने समर्थकों और जनता के लिए चुनाव लड़ेंगे, भले ही निर्दलीय ही मैदान मे क्यूं न उतरना पड़े।


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