दिन भर नहीं दिखा सूरज, लोगों ने अलाव का लिया सहारा
मेरठ। दो पक्षिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बुधवार को मौसम का मिजाज बदला नजर आया। सूरज दिन भर दिखाई नहीं दिया। वहीं दिन का तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक रहा। विशेषज्ञों ने नौ तारीख तक बारिश की संभावना जताई है।
बुधवार को मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत व सहारनपुर समेत कई जिलों में सुबह से ही बूंदाबांदी होती रही। इससे आवागमन तो प्रभावित हुआ ही साथ ही जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। बाजारों से लेकर यातायात व्यवस्था पर मौसम के बदलाव का असर दिखाई पड़ रहा है।
बुधवार सुबह से ही आसमान बादलों से घिरा है और बूंदाबांदी हो रही है। सुबह के वक्त कोहरा भी रहा। बूंदाबांदी के चलते ठंड भी बढ़ी है, लेकिन सुन्न कर देने वाली ठंड से राहत है। लोग जगह-जगह अलाव ताप रहे हैं। वहीं, बारिश थोड़ा अधिक हुई तो सभी फसलों को नुकसान होगा।
शामली में रुक रुक कर बारिश
सुबह करीब साढ़े सात बजे से बूंदाबांदी शुरू हो गई थी। और रुक-रुककर बूंदाबांदी हो रही है। कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि बूंदाबांदी से तो कोई खास प्रभाव किसी फसल पर नहीं होगा। लेकिन लंबे समय तक भी अगर बूंदाबांदी होती रही तो दिक्कत रहेगी। क्योंकि बारिश की आवश्यकता फिलहाल किसी फसल को नहीं है। अगेती गेहूं की फसल के लिए तो पहली सिंचाई का काम जरूर बारिश करेगी। लेकिन पछेती बुवाई वाली गेहूं की फसल में जमाव कम होगा।
बागपत में तेज बारिश
बुधवार सुबह से हो रही बूंदाबादी से मौसम सर्द हो गया। करीब दस बजे बूंदाबांदी तेज हो गई थी, जिसके बाद सर्दी का पारा और भी लुड़क गया। बारिश की वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई। पछेती गेंहू की बुआई कर रहे किसानों को इससे बड़े नुकसान का डर सताने लगा है। किसानों का मानना है की यदि इस समय बारिश होती है तो जिन किसानों ने हाल ही में बुआई की है उन्हे तो नुकसान होगा ही, साथ ही अभी कुछ किसान ऐसे है जिनके खेत से गन्ना फसल लेट कट पाई है उन्हें अभी गेंहू बुआई करनी है। वहीं बारिश सरसों की फसल को भी नुकसान पहुंचेगा।
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