पहले मिल चुके हैं एमेथिस्ट व रॉक फास्फेट के भंडार 
झांसी। सूखे और पिछड़े कहे जाने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में अब एक के बाद एक बहुमूल्य धातु व रत्न और उपरत्न मिलना शुरू हो गए है। चंद रोज पूर्व झांसी जनपद के मऊरानीपुर क्षेत्र में नीलम का उपरत्न एमेथिस्ट का भंडार मिला था। उसके बाद ललितपुर में 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 16 लाख टन का रॉक फास्फेट का भंडार मिला है। इसका ग्लोबल टेंडर भी जारी कर दिया गया है। अब क्षेत्रीय अधिकारी भू वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुमार दिनकर व उनकी टीम को एक और बड़ी सफलता मिली है। अब उनकी टीम ने स्वर्ण, प्लेटिनम व लौह धातु के भंडारण भी खोज निकाले हैं। यह अपने आप में झांसी मंडल समेत बुन्देलखण्ड के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।
आयुक्त अजय शंकर पांडे एवं अपर आयुक्त प्रमील कुमार सिंह  बुंदेलखंड की धरोहर को संरक्षित एवं विकास के लिए सतत् कार्यरत हैं। इसके लिए उनके द्वारा खनन के क्षेत्र में बुंदेलखंड खनिज संपदा एवं साहित्य समिति का गठन किया गया है। इससे खनिज के क्षेत्र में युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। हाल ही में ललितपुर गिरार क्षेत्र में रॉक फास्फेट का 16 लाख टन का भंडार नीलामी के लिए जारी ग्लोबल टेंडर 3 वर्ग किलोमीटर में गिरार क्षेत्र में उपलब्ध हुआ है। इसके अलावा अब स्वर्ण धातु,लौह अयस्क एवं प्लेटेनिम के भंडार करीब 1 वर्गकिमी में इकौना एवं टोरी पिसनारी क्षेत्र में रॉक फॉस्फेट खनिजों के डीजीएम यूपी (भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तर प्रदेश) के भू वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए।
निदेशालय के भू वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुमार दिनकर विगत दो दशकों से भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य कर अपना योगदान दे रहे हैं। डॉ. दिनकर द्वारा गिरार क्षेत्र में उपलब्ध स्वर्ण एवं लोह अयस्क की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट निदेशालय को प्रस्तुत कर दी गई हैं। वर्तमान में डॉ. रोशन जैकब निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय खनिज भवन लखनऊ उत्तर प्रदेश द्वारा इसके ऑक्शन करवाने के लिए निदेशालय स्तर पर गठित टीम द्वारा इन मुख्य खनिजों के ऑक्शनेवल ब्लॉक बनाने का कार्य किया जा रहा है। निदेशालय स्तर पर गठित टीम के पर्यवेक्षण का कार्य डॉ. गौतम कुमार दिनकर भूवैज्ञानिक क्षेत्रीय अधिकारी भूतत्व एवं खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय झांसी मंडल झांसी द्वारा किया जा रहा है। इसमें से रॉक फास्फेट को ब्लॉक के ऑक्शन हेतु निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। भूवैज्ञानिक मंडलीय अधिकारी झांसी मंडल के सुपरविजन में ब्लॉक बनाने का काम हो रहा है। रॉक फास्फेट का ब्लॉक बन गया है। यह डीजीएम के 25 साल के इतिहास में बहुत बड़ी उपलब्धि है। डीजीएम निदेशक और सचिव डॉ रोशन जैकब आईएएस ने इस बारे में  यह विज्ञप्ति जारी की है। सोने, लोह एवं प्लेटिनम के ब्लॉक बनाने का काम डॉ. गौतम कुमार दिनकर भूवैज्ञानिक क्षेत्रीय अधिकारी भूतत्व और खनिकर्म झांसी मंडल झांसी की टीम द्वारा कराया जा रहा है। डॉ. गौ दिनकर ने बताया कि इससे न केवल करोड़ों रुपए का राजस्व शासन को प्राप्त होगा बल्कि क्षेत्र के हजारों युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा।

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