जिला सहकारी बैंक की बैठक में  लिया एतिहासिक फैसला 

   मेरठ। जिला सहक ारी बैंक मेरठ ,बागपत की बोर्ड बैठक का आयोजन जिला सहकारी बैंक में आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सहकारी बैंक  के अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने की। संचालन बैंक सचिव दिनेश सिंह ने किया। बैठक के दौरान ऐतिहासिक फैसले लिये गये जिसके बार में बैठक में आये संचालक मंडलों ने भी नहीं सोचा था। 

 जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने कहा अब तक बैंक सें वित्त पोषित चीनी मिलों  पर लगे ऋण २०१ करोड है। जिसे बढाकर ६०० करोड  रूपये किया गया। ताकि कोई भी शुगर मिल ऋण लेकर किसानों का बकाया वापस कर सके। नाबार्ड की डायरेक्टर फडिंग योजना के अर्न्तगत बैँक से वित्तपोषित चीनी मिलों के ऋण वितरण कार्यक्रम के सापेक्ष १०० करोड की ऋण सीमा स्वीकृत सकी गयी है। 

मनिन्दर पाल सिंह ने कहा कि मेरठ व बागपत की सभी  शुगर मिलों के लिये सहकारी बैंक मेरठ ऋ ण देना चाहता है ताकि किसान भाईयों को पेमैंट हो सके। अपना घर न भरकर किसान का बकाया भगुतान करे। 

  उन्होने बताया कि जिला सहकारी बैंक के संचालक मंडल ने सहकारिता जगत का एतिहासिक फैसला लिया है। अब जिला सहकारी बैंक मछली पालन, मुर्गी पालन ,पशु पालन, डेयरी पालन व अन्य किसान कार्यो से संबधित व्यवसायों पर ऋण देगा। बैंक के प्रबंधक ऋण  देेने के लिये  बाध्य होगे। चेयरमैन मनिन्दर पाल सिंह ने कहा कि प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक लि. से स्वकृति लेकर ८ करोड का ऋण इस व्यवस्था में गरीब  किसान व नौजवान ,जो व्यवसाय करना चाहता है बाटा जाएगा। किसानों की खेती के साथ -साथ व्यवसाय से निश्चित रूप से आय दौगुनी होगी। 

 सभी बैंकों के मैनेजर प्रथम किस्त के  रूप में सोलह लाख रूपये वितरित करेंगे। जो नहीं करेगा उसकी वेतन कटौती होगी। सभी को अधिक से अधिक ऋण वितरण के निर्देश दिये गये है। 


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