- डॉ. रीना रवि मालपानी
वर्ष 2021 में विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तांडव का रौद्र रूप दिखाया। इस समय शायद प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर का अस्तित्व समझ आ गया। ऑक्सीज़न सिलेन्डर, बेड, इंजेक्शन और दवाई के लिए मारामारी का त्राहिमाम दृश्य सामने आया। मृत्यु जीवन का अटल सत्य है, कई लोग अनवरत संघर्ष के बाद चैन की सांस लेने में सक्षम नजर आए तो कई लोगों ने मृत्यु का साक्षात्कार किया। कोरोना त्रासदी के अनवरत संघर्ष के बीच लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन से एक बात समझ आई की यदि आपने समय के अनुरूप सही बचत की है तो यह समय आप अपने परिवार के साथ सीमित संसाधनों में भी आनंद पूर्वक व्यतीत कर सकते हो, पर यह भी कड़वा सच था की जिन्होंने धन का महत्व नहीं समझा उन्हें दर-दर ठोकरों का भी सामना करना पड़ा।



कोरोना की कुपित आँधी ने तो सामान्य जीवन का अर्थ ही बदल दिया। जीवन नैया की पतवार रामभरोसे नजर आई। दुर्दशा की दुखद से दुखद तस्वीर सामने आई। विलाप की चरम सीमा भी जनमानस में नजर आई। सत्य के अनेक रूप सामने आए। बदलते परिदृश्य में कई लोगों का दिखावे का मुखौटा हट गया। अपने और परायों के बीच की खाई भी छट गई। मानव ही मानव के लिए दवा भी सिद्ध हुआ। कई बार अपेक्षा से अधिक सहयोग और कई बार उपेक्षित व्यवहार भी मिला। किसी ने मात्र संवाद से भी सुकून दिया तो किसी से विनती करने पर भी निराशा का ही सामना करना पड़ा। अर्थ भी अनर्थ को रोकने में सक्षम नजर नहीं आया। उम्मीदों की पगडंडी के सहारे फिर से जीवन यात्रा प्रारम्भ हुई। कुछ लोगों ने केवल दाम कमाने पर ही महत्व दिया और कुछ लोगों ने मानवता की राह में दुआएं कमाई। गीता में लिखा है की परिवर्तन ही संसार का नियम है, जिन लोगों ने परिस्थितियों के साथ ताल-मेल बिठाना सीख रखा था उन्हें सामंजस्य की कड़ी में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और जो जीवन अपनी शर्तों के अनुसार जीता था यह समय उसके लिए कष्टदायी साबित हुआ।  
नया साल फिर से कई उमंगों का दामन पकड़े खड़ा है। बीते वर्ष के अनुभव की पाठशाला से सबक लेकर फिर से नए पंखों को उड़ान देनी होगी। नवीन वर्ष में सफलता के नए आयाम को छूने के लिए उपहास, विरोध, आलोचना, स्वीकृति और अस्वीकृति के मार्ग से धैर्यपूर्वक गुजरना होगा। समय का कद बहुत बड़ा होता है यह सत्य 2021 की तस्वीर में सच्चाई से दिखा। यह वर्ष यह सीखा गया की हर क्षण हर सांस बहुत कीमती है तो क्यों न हम मुस्कुराते चेहरे के साथ कृत संकल्पित होकर 2022 के लिए कुछ उद्देश्यपूर्ण कार्य करें एवं स्वयं और समाज की खुशी के लिए उन्नति के नए आयाम गढ़े।
जीवन है ईश्वर का दिया अमूल्य उपहार।
व्यर्थ आलोचना, उपहास और चिंताओं से न करें इसे बेकार।।
इस साल ने दिए जीवन के अनेक विचारणीय पक्ष।
2022 में प्रस्तुत करेंगे उद्देश्यों के नवीन आयाम जीवन के समक्ष॥
2021 के तांडव से हुए हम सत्य से अवगत।
डॉ. रीना कहती, कृतसंकल्पित होकर करें 2022 का स्वागत।।
-  (कवयित्री एवं लेखिका)।

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