हर कार्यक्रम तय तारीख पर होंगे, 29 को होगा संसद तक ट्रैक्टर मार्च
नई दिल्ली (एजेंसी)।कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा किसानों का प्रदर्शन अभी चलता रहेगा और प्रदर्शन के एक साल पूरा होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले से जिन रैलियों और मार्च के आयोजन की तिथि निश्चित कर रखी है वैसे ही आयोजित होंगे। यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने कोर कमेटी की बैठक के बाद दी है।
उन्होंने बताया कि आंदोलन की आगे की क्या रणनीति होगी उस पर रविवार को बैठक होगी लेकिन शनिवार को कोर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि शीत सत्र के दौरान संसद तक ट्रैक्टर मार्च का जो निर्णय लिया गया था वह वैसा ही रहेगा। दर्शन पाल ने बताया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम पहले की तरह ही होंगे। लखनऊ रैली 22 को होगी। 26 नवंबर को जब आंदोलन का एक साल हो जाएगा तो इसे पूरे देश में मनाया जाएगा और संसद तक ट्रैक्टर मार्च 29 नवंबर को होगा।
डॉ. पाल ने कहा, कृषि कानूनों के अलावा हमारे मुद्दा खासतौर से एमएसपी के लिए अलग कानून बनवाने का है। किसानों के खिलाफ जितने केस हैं वो वापस लिए जाएं। बिजली विधेयक 2020 वापस लिया जाए, वायु गुणवत्ता ऑर्डिनेंस लाया जाए और हमारे जो साथी आंदोलन के दौरान मरे हैं उनके लिए मेमोरियल बनाने के लिए एक जगह दी जाए। हमें उम्मीद है कि सरकार इन समस्याओं को सुलझाने के लिए एक बैठक बुलाएगी।
इसके साथ ही किसान संघों के प्रमुख संगठन एसकेएम ने किसानों से कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर 26 नवंबर को सभी प्रदर्शन स्थलों पर बड़ी संख्या में जमा होने का आह्वान किया है। एसकेएम शनिवार को यह भी कहा कि उसके पहले से निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेंगे। सभी मांगों को पूरा कराने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। 
राकेश टिकैत ने कहा कि अभी भी एमएसपी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी कानून बन जाए, क्योंकि किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुकसान होता है। हम इस मसले पर बातचीत करना चाहते हैं। 

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