आयुषी ने बनाई गंगा स्वच्छता और जल प्रदूषण पर सुंदर पेंटिंग
प्रभुनाथ शुक्ला
भदोही। पर्यावरण प्रदूषण हमारे लिए चुनौती बना है। दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण  जानलेवा साबित हो रहा है। डाला छठ पर यमुना की गंदगी किसी से छिपी नहीं है। लेकिन स्कूल के पाठ्यक्रमों में हम पर्यावरण को बढ़ावा देकर आने वाली पीढ़ी को जागरूक कर सकते हैं।
स्कूलों में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण जैसे विषय पर उन्हें रेखाचित्र और पेंटिंग बनवाने चाहिए। इसकी वजह से बच्चों में प्रदूषण के प्रति जागरुकता आएगी और हमारा पर्यावरण स्वच्छ और साफ सुथरा रहेगा। सुरियावाँ नगर स्थित पीस कॉटेज में पढ़ने वाली पांचवीं क्लास की छात्रा आयुषी ने गंगा स्वच्छता और जल प्रदूषण पर अच्छी पेंटिंग बनाई है। आयुषी  हरीपुर, अभिया निवासी शिक्षक रहे संगम लाल शुक्ल की पोती है।
गंगा स्वच्छता पर आयुषी की पेंटिंग में गंगा के किनारों की साफ-सफाई दर्शायी गयीं है। किनारे सुंदर मंदिर दिख रहा है। गंगा में नाव चल रही है। गंगा के पानी में मछलियां तैर रही हैं। नमामि गंगे और भारत स्वच्छता मिशन को आधार बनाकर यह पेंटिंग बनाई गयी है।
आयुषी ने गंगा के बहते पानी में मृत मवेशी और पलास्टिक कचरे को भी उसने दर्शाया है। इसके अलावा आसमान में उड़ते परिंदे, पर्वत और बादलों को भी चित्र में दिखाया है। आयुषी ने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि हम प्राकृतिक वातावरण को जितना साफ-सुथरा रखेंगे वह हमारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए उतना ही हितकर होगा।

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