कोराना प्रोटोकाल के तहत लगातार दूसरे वर्ष चर्च प्रबंधन को नहीं मिल सकी अनुमति
 बिशप फ्रांसिस कालिस्ट ने सादगी से किया 10 दिवसीय आयोजन का शुभारंभ

सरधना। ऐतिहासिक नगरी सरधना में लगने वाले माता मरियम का 10 दिवसीय चर्च मेला इस बार भी कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया है। लगातार दूसरे वर्ष मेले की तैयारियों में जुटे चर्च प्रशासन को प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकाल का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी है। जिसके चलते शुक्रवार को मेरठ धर्मप्रांत के बिशप फ्रांसिस कालिस्ट ने प्रार्थना और ध्वजारोहण करते हुए 10 दिवसीय आयोजन का सादगीपूर्ण शुभारंभ किया।  
बता दें कि सरधना स्थित ऐतिहासिक चर्च में नवंबर माह के दूसरे शनिवार व रविवार को दो दिवसीय वार्षिक मेला दशकों से लगता आ रहा है। श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र यह चर्च अध्यात्मिक और पौरणिक धरोहर है। क्षेत्र के लोगों के साथ विदेशी सेलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। लोगों में इस चर्च में  मांगी गई मन्नतों के पूरी होने को लेकर आस्था है। यही वजह है कि माता मरियम के दरबार में हाज़िरी लगाने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
इस ऐतिहासिक चर्च का आध्यात्मिक महत्व भी है। सरधना क़स्बा कभी बेगम समरू की राजधानी रहा है।
इस वर्ष भी कोरोना वायरस के चलते महोत्सव को कैंसिल करना पड़ा। चर्च प्रबंधन को केवल विशेष प्रार्थना की अनुमति मिली। ऐसा चर्च को राजकीय बसीलिका का दर्जा मिलने के बाद लगातार दूसरी बार होगा, कि आम श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल नहीं हो सकेंगे। गौरतलब है कि राजकीय बसीलिका का दर्जा हासिल होने के कारण सरधना चर्च कैथोलिक ईसाई समाज के लिए उत्तर भारत का सबसे बड़ा धर्मस्थल है।
शुक्रवार को मेरठ धर्मप्रांत के बिशप फ्रांसिस कालिस्ट सरधना चर्च पहुंचे। उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए चर्च में विशेष प्रार्थना कराते हुए 10 दिवसीय कार्यक्रम का ध्वजारोहण करते हुए इसका शुभारंभ किया। उनके साथ पल्ली पुरोहित फादर सेसन, प्रबंधक फादर पाकी नाथन व समाज के गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।

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