शराब को लेकर सख्त हुए तेवर, लिए अहम फैसले

पटना।शराबबंदी वाले बिहार में धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है। जहरीली शराब पीने से राज्य में बीते एक महीने के भीतर 40 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। शराब से हो रही मौतों के बाद सरकार भी एक्शन की तैयारी में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में डीजीपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सात घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में फैसला लिया गया कि 25 नवंबर को सभी सरकारी कर्मी नशामुक्ति के खिलाफ फिर से शपथ लेंगे। गांवों में शराबबंदी को प्रभावी रूप से लागू करने की जिम्मेदारी चौकीदारों को दी गई है। उन्हें गांव में हो रही अवैध गतिविधियों की जानकारी देनी होगी। इसमें असफल रहने पर चौकीदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यही फैसला दफादारों को लेकर भी लिया गया है। अगर कोई सरकारी कर्मी शराब के धंधे में लिप्त पाया गया तो उस पर भी गाज गिरेगी। निर्णय लिया गया कि केंद्रीय टीम छापेमारी अभियान चलाएगी। शराब बरामद होने पर सीधे थाना प्रभारी पर कार्रवाई होगी। थाना अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत मिलने पर उन्हें 10 साल तक थानेदारी से वंचित रखा जाएगा।
होम डिलिवरी करने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी। सरकार के कॉल सेंटर पर आने वाली फोन कॉल पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इन सबकी समीक्षा हर दूसरे दिन की जाएगी। 
 समीक्षा बैठक से पहले बिहार पुलिस शराब व्यापारियों के खिलाफ पकड़ो मुहिम चला रही है। अभी तक 570 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा शराब की अवैध भट्ठियां तोड़ी जा रही हैं  

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