सतपाल ब्रह्मचारी बोले, मैं निःशुल्क भवन देने के लिए तैयार तो क्यों जीर्ण-शीर्ण भवन में कक्षाएं चलाने को उतावले हैं भाजपाई
हरिद्वार 14 नवंबर। कमल दास कुटिया में डिग्री कालेज की कक्षाएं आरम्भ होने पर ग्रहण लग गया है। अब शायद ही कुटिया में कक्षाएं आरम्भ हों। कारण की कमल दास कुटिया के स्वामी ओमप्रकाश शास्त्री ने किसी भी प्रकार से कुटिया का भवन देने की बात का खंडन किया है।
बता दें कि विगत दिनों कमल दास कुटिया में डिग्री कालेज की इसी सत्र में कक्षाएं आरम्भ किए जाने की खबरें प्रकाशित हुई थीं। जिसमें स्वामी ओमप्रकाश शास्त्री द्वारा कक्षाएं आरम्भ करने के लिए कुटिया का भवन देने की बात कही गयी थ। अब स्वामी ओमप्रकाश शास्त्री ने कालेज शुरू किए जाने की बात का खंडन किया है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर आश्रम कब्जाने का गंभीर आरोप भी लगाया है। चुनावी बयार में विपक्षी दल कांग्रेस को एक नया हथियार और भाजपा के खिलाफ मिल गया है। जिसे वह निश्चित तौर पर चुनावों में भूनाने का कार्य करेगी।
इस संबंध में पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहाकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की निगाहें सदैव ही आश्रमों पर कब्जा करने की रही हैं। उनके मुताबिक स्वामी ओमप्रकाश का कहना है कि पूर्व में 20 वर्ष कुटिया पर पुलिस प्रशासन का कब्जा रहा, जिसका उन्हें कोई भाड़ा नहीं दिया गया। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहाकि जब कमल दास कुटिया का मामला सुप्रीप कोर्ट में विचाराधीन है तो ऐसे विवादित स्थान पर कालेज खोलने की आवश्यकता क्या। उन्होंने कहाकि कमल दास कुटिया की बिल्डिंग 150 वर्ष पुरानी है, जो कभी भी धराशायी हो सकती है। ऐसे में कक्षाएं संचालित कर बच्चों की जान को जोखिम में डालने का प्रयास क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि भाजपा नेताओं ने बाबा पर दवाब बनाया कि यहां कक्षाएं आरम्भ हो जाएंगी, जिसमें कुटिया आधी तुम्हारी और आधी हमारी। श्री ब्रह्मचारी ने कहाकि पहले मदन कौशिक की निगाहंे पीली कोठी पर थीं, अब उनकी निगाहें कमल दास कुटिया पर आकर ठहर गयी। श्री ब्रह्मचारी ने कहाकि वे कालेज संचालन के लिए अपने आश्रम के 20 कमरे एक वर्ष तक बिना किसी किराए के देने के लिए तैयार हैं तो क्यों भाजपाई पुरानी जीर्ण-शीर्ण बिल्डिंग में कक्षांए संचालित करने के लिए उतावले हैं। उन्होंने कहाकि वे पहले भी कह चुके हैं और फिर इस बात को दोहरा रहे हैं कि वे अपने आश्रम के 20 कमरे बिना किराए के देने के लिए तैयार हैं, किन्तु उनकी एक शर्त यह है कि वे इस बात को लिखित में लेंगे की कितनी समयसीमा तक वे कमरों का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहाकि कक्षांए संचालित करने की बात तो बहाना मात्र है। असली उद्देश्य कमल दास कुटिया पर कब्जा करना है।
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